केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि अवसंरचना कोष के तहत देशभर में 76 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 72 हजार अवसंरचना परियोजनाएं बनाई गई हैं।
किस उद्देश्य से शुरू की गई थी यह योजना ?
बताना चाहेंगे, यह योजना 2020 में फसल कटाई के बाद के प्रबंधन के लिए अवसंरचना विकसित करने, नुकसान को कम करने, किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने, कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने और कृषि अवसंरचना के लिए निवेश आकर्षित करने के लिए शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपये किए गए प्रदान
कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण लेने वाले पात्रों को एक लाख करोड़ रुपये प्रदान किए गए। लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार भंडारण की उचित व्यवस्था कर रही है ताकि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके।
सरकार किसानों की फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार कर रही काम
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि देश में कृषि विकास दर लगभग चार प्रतिशत है और देश में खाद्यान्न का बड़ा भंडार है।
पीएम मोदी किसानों के लिए लाए ‘एग्रो इंफ्रा फंड’ योजना
उन्होंने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। वह कदम ‘एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाने का था। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि एक लाख करोड़ रुपये की ‘एग्रो इंफ्रा फंड’ की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेकर आए।
आगे जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत अब तक पूरे देश में 31 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं। कुल मिलाकर 72,222 संरचनाएं जिनकी लागत 76,305 करोड़ रुपये है, ये पूरे देश में मनाई गई।
देश भर में चारों तरफ की जा रही उचित भंडारण की व्यवस्थाएं
इस योजना के तहत मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, केरल, बिहार, असम, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़, त्रिपुरा चारों तरफ उचित भंडारण की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
यह किसान की खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए बहुत बड़ा कदम
उन्होंने यह भी कहा कि इसके कारण किसानों को अब औने-पौने दाम पर अपने उत्पाद को बेचना नहीं पड़ता। वो जब चाहता है अपने उत्पाद को कोल्ड स्टोरेज में रखता है या वेयर हाउस में रखता है और उचित दाम मिलने पर ही अपना उत्पाद बेचता है। यह किसान की खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए बहुत बड़ा कदम है, जिसका लाभ पूरे देश के किसान उठा रहे हैं।