प्रतिक्रिया | Friday, October 18, 2024

केंद्रीय मंत्री ने ट्रेन के लोको में किया सफर, सवाई माधोपुर से कोटा ट्रैक पर स्थापित ‘कवच’ सिस्टम का किया ट्रायल

देश के अलग-अलग रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। ऐसे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक ट्रेन के लोको में सफर किया और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम) कवच 4.0 की टेस्टिंग की।कवच सिस्टम दो ट्रेनों को आमने-सामने आने पर ऑटोमेटिक रोकने का काम करता है। 

दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार काे राजस्थान के एक दिवसीय दौरे पर पहले उन्होंने जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्यों का अवलोकन किया।रेल मंत्री अश्विनी वै ष्णव ने मंगलवार काे राजस्थान में ‘कवच 4.0’ की टेस्टिंग की। उन्होंने सवाई माधोपुर से काेटा के सुमेरगंज मंडी तक ट्रेन के लोको में सफर किया। कवच सिस्टम दो ट्रेनों को आमने-सामने आने पर ऑटोमैटिक रोकने का काम करता है। इसके साथ ट्रेन की स्पीड को भी कंट्रोल में रखता है।

कवच ने ट्रेन को किया कंट्रोल

टेस्टिंग के दौरान लोको पायलट ने ट्रेन को 130 किमी तक दौड़ाया। जैसे ही ट्रेन एक रेलवे फाटक के पास आई, कवच सिस्टम ऑन हो गया। फाटक खुला था, इसलिए कवच सिस्टम ने ट्रेन काे 50 मीटर दूर ही रोक दिया। लोको पायलट ने ट्रेन की स्पीड को 130 किमी तक बढ़ाया। कवच सिस्टम ने क्षेत्र के लिए ट्रेन की स्पीड काे नियंत्रित किया और गति 130 किमी तक हो गई। इस टेस्ट को परमानेंट स्पीड रेस्ट्रिक्शन टेस्ट कहते हैं। 

क्या है कवच

रेल कवच एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है। इसे ‘ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम’ कहते हैं। यह भारत में 2012 में बनकर तैयार हुआ था। इंजन और पटरियों में लगे इस डिवाइस की मदद से ट्रेन की ओवर स्पीडिंग को कंट्रोल किया जाता है। इस तकनीक में किसी खतरे का अंदेशा होने पर ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाता है। तकनीक का मकसद ये है कि ट्रेनों की स्पीड चाहे कितनी भी हो, लेकिन कवच के चलते ट्रेनें टकराएंगी नहीं। सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 सर्टिफाइड रेल कवच को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने बनाया है। सर्दियों में ट्रेन का ड्राइवर घने कोहरे की वजह से सिग्नल की अनदेखी कर देता है। यानी उसे यह नहीं पता चल पाता है कि सिग्नल ग्रीन है या रेड। ऐसी स्थिति में रेल कवच ऑटोमैटिक ब्रेक लगाकर स्पीड को कंट्रोल में करता है। इससे घने कोहरे में भी सेफ तरीके से ट्रेन चलाने में मदद मिलती है और हादसा नहीं होगा।

देशभर में 1324 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास 

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्यों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत में रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना चल रही है जो कि विश्व की सबसे बड़ी पुनर्विकास योजना है। उन्होने कहा कि देश भर में 1324 रेलवे स्टेशनो को पुनर्विकास किया जा रहा है उन्ही में से एक जयपुर का गांधी नगर रेलवे स्टेशन है। केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि गांधीनगर जयपुर स्टेशन पर दोनों प्रवेश द्वार पर बिल्डिंग के ढांचे का कार्य पूरा कर लिया गया है और फिनिसिंग कार्य प्रगति पर है। गांधीनगर स्टेशन पर 72 मीटर चौड़ाई वाले एयर कॉनकोर्स के निर्माण के लिए गर्डर लाँचिंग का काम पूरा किया है जो सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर स्टेशन के पुनर्विकास से स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होगी। स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा खपत में कमी के लिए ग्रीन बिल्डिंग आधारित व्यवस्थाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी। स्टेशन पर लगभग 1400 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया जाएगा।

(इनपुट-हिस)

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आखरी अपडेट: 18th Oct 2024