भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें गाजा पट्टी में तुरंत और स्थायी युद्धविराम की मांग की गई है। महासभा ने बुधवार को दो प्रस्तावों को भारी बहुमत से मंजूरी दी। पहला प्रस्ताव गाजा में युद्धविराम की अपील करता है तो वहीं दूसरा प्रस्ताव फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए (UNRWA) को समर्थन देने से संबंधित है।
यूएनआरडब्ल्यूए के प्रस्ताव में इजरायल के एक नए कानून की आलोचना की गई है जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में एजेंसी की गतिविधियों को सीमित करता है। इजरायल का आरोप है कि एजेंसी के कुछ कर्मचारी हमास से जुड़े हुए हैं। युद्धविराम के प्रस्ताव को 158 देशों ने समर्थन दिया, जबकि अमेरिका, इजरायल और सात अन्य देशों ने विरोध किया। 13 देश मतदान से अनुपस्थित रहे। वहीं, यूएनआरडब्ल्यूए के प्रस्ताव को 159 देशों ने समर्थन दिया, जबकि नौ देशों ने विरोध किया और 11 देश अनुपस्थित रहे।
भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए 7 अक्टूबर के हमलों की निंदा की इसे आतंकवादी कार्रवाई बताया और सभी बंधकों की तुरंत और बिना शर्त रिहाई की मांग की। भारत ने गाजा में शांति, मानवीय सहायता और कूटनीति के महत्व पर भी जोर दिया।
गौरतलब है पिछले साल 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था, जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए और 250 से अधिक को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर सैन्य अभियान शुरू किया जिसमें अब तक हजारों फिलिस्तीनियों की मौत और बडे़ पैमाने पर तबाही हुई है।