प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत के विमानन क्षेत्र में परिवर्तनकारी विकास और नवाचार के युग का सूत्रपात किया है। क्रांतिकारी विधायी सुधारों, अवसंरचना के व्यापक विस्तार तथा कनेक्टिविटी, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर मंत्रालय ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल करते हुए भारत को दुनिया के अग्रणी विमानन बाजारों में से एक बना दिया है। भारत को वैश्विक स्तर पर विमानन क्षेत्र में अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नागरिक उड्डयन मंत्रालय दूरदर्शी नीतियों, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और समावेशी, सतत विकास के माध्यम से परिवर्तनकारी बदलाव ला रहा है। जिस तरह भारत यात्री यातायात में नए रिकॉर्ड कायम करना, क्षेत्रीय संपर्क का विस्तार करना और विमानन ढांचे का आधुनिकीकरण करना जारी रखे हुए है, राष्ट्र ऊर्जावान वैश्विक विमानन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। आज भारत दुनिया के टॉप सिविल एविएशन इकोसिस्टम में से एक मजबूत पिलर बना हुआ है। देश के सिविल एविएशन सेक्टर की ग्रोथ अभूतपूर्व है।
सरकार के सम्मिलित प्रयास लाखों लोगों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाते हैं और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देते हैं, राष्ट्रीय एकीकरण को मजबूती प्रदान करते हैं, आइये जानते हैं, इन प्रयासों के बारे में, जिनसे देश का विमानन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेजी से बढ़ते हुए क्षेत्रों में से एक बना है।
प्रणालीगत परिवर्तन को बढ़ावा दे रहे हैं विधायी सुधार
भारत के विमानन पट्टे कानूनों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाते हुए संसद ने विमान वस्तु हित संरक्षण विधेयक, 2025 पारित किया, ताकि पट्टे की लागतों में कमी लाई जा सके। भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 ने 1934 के औपनिवेशिक युग के विमान अधिनियम की जगह लेते हुए भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया।
बुनियादी ढांचे का विस्तार-भारतीय विमानन के भविष्य का निर्माण
आपको बता दें, वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा जैसे प्रमुख स्थानों पर नए टर्मिनलों की नींव रखे जाने सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास जारी है। वहीं, 2014 से, ‘सैद्धांतिक रूप से’ स्वीकृत 21 हवाई अड्डों में से 12 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का परिचालन किया जा चुका है। इनमें दुर्गापुर, शिरडी, कन्नूर, पाकयोंग, कलबुर्गी, ओर्वाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर, ईटानगर (होलोंगी), मोपा, शिवमोग्गा और राजकोट (हीरासर) शामिल हैं।
इसके अलावा, नोएडा (जेवर) और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिनका वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में परिचालन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
गौरतलब हो, सरकार ने अगले 5 वर्षों में 50 और हवाई अड्डे विकसित करने और अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 91,000 करोड़ रुपये से अधिक के पर्याप्त पूंजीगत व्यय की योजना बनाई गई है, जिसमें से नवंबर 2024 तक लगभग 82,600 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं।
हवाई यात्रा को सबके लिए सुलभ बनाना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना
उड़ान योजना ने अपने 9वें वर्ष में प्रवेश करते हुए, 619 मार्गों और 88 हवाई अड्डों का सफलतापूर्वक परिचालन शुरु कर दिया है, साथ ही उसकी 120 अतिरिक्त गंतव्यों तक विस्तार करने की योजना है। वहीं, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को चालू करने और देश भर में मौजूदा सुविधाओं को उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति के साथ, विमानन अवसंरचना का तेजी से विस्तार जारी है। ज्ञात हो, कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और चेन्नई हवाई अड्डे पर कैफ़े शुरु किए गए हैं, जहाँ चाय 10 रुपये में और समोसा 20 रुपये में मिलता है। कोलकाता कैफ़े को काफ़ी सफलता मिली है, जिसके कारण इस पहल का देश भर में विस्तार हुआ है।
सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और निर्बाध यात्रा के लिए की जाने वाली पहल
आपको बता दें, अत्याधुनिक डीएफडीआर और सीवीआर प्रयोगशाला का उद्घाटन- नई दिल्ली में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) में एडवांस्ड डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (डीएफडीआर और सीवीआर) प्रयोगशाला का उद्घाटन विमानन सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। 9 करोड़ रुपये की यह सुविधा घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दक्षता को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बनाएगी, जिससे एक सुरक्षित विमानन इकोसिस्टम में योगदान मिलेगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इस महत्वपूर्ण प्रयोगशाला की स्थापना में सहायता प्रदान की है।
निर्बाध यात्रा के लिए डिजी यात्रा का विस्तार-24 हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा सेवाओं ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है। यह पहल यात्रियों को निर्बाध, संपर्क रहित यात्रा का अनुभव प्रदान करती है। 80 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने यह ऐप डाउनलोड किया है और डिजी यात्रा सुविधा का उपयोग करके 4 करोड़ से अधिक यात्राएँ पूरी की गई हैं।
सीप्लेन संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी-भारत में क्षेत्रीय संपर्क को और बेहतर बनाने के लिए 22 अगस्त 2024 को सीप्लेन संचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए। ये दिशा-निर्देश सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और इनका उद्देश्य पूरे देश में सीप्लेन संचालन की शुरुआत को सुगम बनाना है।
विमानन विकास में अतिरिक्त उपलब्धियाँ
वहीं, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ- भारत को प्रतिस्पर्धी वैश्विक एमआरओ हब के रूप में बढ़ावा देने के लिए विमान के कल-पुर्जों के लिए समान 5 प्रतिशत एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) दर शुरू की गई है। भारत में 13-18 प्रतिशत महिला पायलट हैं, जो वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक है। दरअसल, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 2025 तक सभी विमानन भूमिकाओं में महिलाओं का 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
भविष्य के लिए तैयारी
वहीं दूसरी ओर मंत्रालय सक्रिय रूप से संधारणीय विमानन को बढ़ावा देता है, जिसके तहत लगभग 80 हवाई अड्डे अब 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा पर परिचालन कर रहे हैं। 100 से अधिक हवाई अड्डों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ले जाने की आकांक्षा है। एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा बेंगलुरु हवाई अड्डे ने उच्चतम कार्बन मान्यता स्तर 5 प्राप्त किया है, जबकि दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद हवाई अड्डों ने कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए स्तर 4+ मान्यता प्राप्त की है। चेन्नई हवाई अड्डा भी पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर काम करता है और इसमें 1.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र है।
प्रशिक्षित पायलटों की बढ़ती आवश्यकता, जिसके अगले 10-15 वर्षों में 30,000 से 34,000 तक पहुँचने का अनुमान है, को देखते हुए मंत्रालय उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) और सालाना जारी होने वाले वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस की संख्या बढ़ाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
यात्री यातायात में तेजी से वृद्धि
एक समय था भारत में एयर ट्रैवल कुछ ही लोगों के लिए था। कुछ बड़े शहरों में अच्छी एयर कनेक्टिविटी थी। कुछ बड़े लोग लगातार एयर ट्रैवल का फायदा उठाते थे। कमजोर और मध्यम वर्ग कभी-कभार कभी मजबूरी में कभी ट्रैवल करना पड़ा हो, तो जाना हुआ होता था लेकिन सामान्य उसके जीवन में नहीं था। लेकिन आज भारत में स्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। आज देश में टीयर-2 और टीयर-3 सिटीज में भी वहां के नागरिक वहां से उड़ान भर रहे हैं।
सरकार ने जो इनीशिएटिव लिए, नीतिगत परिवर्तन किए और व्यवस्थाएं विकसित उसके फलस्वरूप 2024 में घरेलू हवाई यात्री यातायात दोगुना से अधिक होकर 22 करोड़ 81 लाख हो गया, जो 2014 से पहले 65 वर्षों में दर्ज 10 करोड़ 38 लाख यात्रियों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
आपको बता दें, 17 नवंबर, 2024 को पहली बार एक ही दिन में 5 लाख से अधिक यात्रियों के साथ ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, 2024 की जनवरी-नवंबर अवधि में घरेलू हवाई यात्री यातायात में 2023 की इसी अवधि की तुलना में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई। यही नहीं अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर भी पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जनवरी और नवंबर 2024 के बीच 64.5 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की, जो 11.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
आपको जानकर खुशी होगी, हवाई यात्रियों की सालाना कुल संख्या 350 करोड़ से अधिक हो गई है, जिसने भारत को वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बना दिया है। पिछले एक दशक में, घरेलू हवाई यात्री यातायात में सालाना 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।