प्रतिक्रिया | Wednesday, February 05, 2025

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उत्तर प्रदेश पिछले साढ़े सात वर्षों में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व में न केवल कानून व्यवस्था और बुनियादी ढांचे के विकास में बढ़ा है, बल्कि आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। सीएम योगी द्वारा प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ बनाने का लक्ष्य सशक्त उदाहरण है। इसी क्रम में योगी सरकार ने प्रदेश में आठवीं आर्थिक गणना 2025-26 के जरिए प्रदेश के हर तबके तक विकास की रोशनी पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसके सटीक आंकड़ों के माध्यम से लोगों का सामाजिक स्तर सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जाएंगी, जिसका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा।

सीएम ने आठवीं आर्थिक गणना 2025-26 की विस्तृत योजना तैयार करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आठवीं आर्थिक गणना 2025-26 की विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। सरकार आर्थिक गणना को केवल डाटा संग्रहण के रूप में नहीं देख रही है, बल्कि इसे ट्रांसफॉर्मेटिव टूल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है।

यह गणना डिजिटल माध्यमों से की जाएगी

सीएम योगी के निर्देश पर यह गणना डिजिटल माध्यमों से की जाएगी, जिससे सटीक आंकड़े जुटाए जा सकें। इसके लिए एक वेब-बेस्ड मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है, जो वास्तविक समय में डेटा सत्यापन, निगरानी और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगा। इससे योगी सरकार को प्रदेश के उद्यमों, स्वरोजगार से जुड़े व्यक्तियों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों की सही स्थिति का आंकलन करने में मदद मिलेगी, जिससे नीति निर्माण और योजनाओं में पारदर्शिता आएगी।

लगभग 17,000 गणनाकारों और 6,000 पर्यवेक्षकों होंगे तैनात

आठवीं आर्थिक गणना के लिए लगभग 17,000 गणनाकारों और 6,000 पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा। इसके लिए सरकार स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें इस अभियान का हिस्सा बनाएगी। इससे जहां योगी सरकार को सटीक आर्थिक डेटा मिलेगा, वहीं, दूसरी ओर युवाओं को रोजगार और कौशल विकास का अवसर भी प्राप्त होगा।

महिला गणनाकारों की नियुक्ति का भी फैसला

मुख्यमंत्री योगी ने आर्थिक गणना में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला गणनाकारों की नियुक्ति का भी फैसला लिया है। सरकार महिलाओं को डाटा संग्रहण, तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल प्लेटफार्म पर काम करने की सुविधा प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। योगी सरकार की आर्थिक गणना से उत्तर प्रदेश के छोटे उद्यमियों और व्यापारियों को भी आर्थिक पहचान मिलेगी। यह गणना प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम-उद्यम (एसएसएमई) को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का महत्वपूर्ण प्रयास है।

गणना से प्राप्त डेटा का उपयोग कर सही नीति निर्माण करेगी

सरकार गणना से प्राप्त डेटा का उपयोग कर सही नीति निर्माण करेगी, जिससे छोटे उद्यमों को वित्तीय सहायता, नए बाजारों तक पहुंच, व्यापार प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग मिल सके। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के छोटे व्यापारियों को समान रूप से लाभ मिलेगा। यह गणना पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे न केवल कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि डेटा संग्रहण की गति भी तेज होगी।

गणना के लिए मल्टी-लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है

प्रदेश सरकार द्वारा गणना के लिए मल्टी-लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसमें जिलाधिकारी, जिला सांख्यिकी अधिकारी और आईटी एक्सपर्ट टीम शामिल होंगे। आईटी एक्सपर्ट सिस्टम के जरिए डाटा की गुणवत्ता और सत्यता सुनिश्चित करेंगे। इससे गांव और शहर के बीच का आर्थिक अंतर कम होगा। गांवों में छोटे उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलेगा।

शहरी क्षेत्रों में स्टार्टअप और एमएसएमई को सशक्त किया जाएगा, जिससे स्थानीय उत्पादन को बल मिलेगा। आर्थिक नीतियों को समावेशी दृष्टिकोण से तैयार किया जाएगा, जिससे हर नागरिक को लाभ मिल सके। (इनपुट-आईएएनएस)

 

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आखरी अपडेट: 5th Feb 2025