भारत में यूपीआई ने वित्तीय लेन-देन को तेज, सुरक्षित और सरल बना दिया है। इसने आम लोगों, छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को भी सशक्त बनाया है, जिससे देश नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हुआ है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर 2024 में एक महीने में 16.58 बिलियन वित्तीय लेनदेन को संसाधित करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई ने कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में एकीकृत करके देश के भुगतान इकोसिस्टम में क्रांति ला दी है। एसीआई वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार 2023 तक विश्व में रीयल-टाइम भुगतान लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 49 प्रतिशत है।
यूपीआई ने वित्तीय लेन-देन को तेज, सुरक्षित और सरल बना दिया
यूपीआई ने न केवल वित्तीय लेन-देन को तेज, सुरक्षित और सरल बना दिया है, बल्कि इसने आम लोगों, छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को भी सशक्त बनाया है, जिससे देश नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हुआ है। यूपीआई ने न केवल भारत में वित्तीय लेनदेन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है, बल्कि देश को डिजिटल भुगतान में एक वैश्विक नेतृत्व के रूप में भी स्थापित किया है। लोगों और व्यवसायों दोनों के लिए एक निर्बाध, सुरक्षित और सुलभ मंच प्रदान करके यूपीआई ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और देश को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लेन-देन की संख्या और भौगोलिक पहुंच बढ़ी
दरअसल लेन-देन की संख्या और भौगोलिक पहुंच दोनों के संदर्भ में इसकी उल्लेखनीय वृद्धि वित्तीय परिदृश्य पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को उजागर करती है। जैसे-जैसे यूपीआई वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार कर रहा है, यह डिजिटल भुगतान के लिए नए मानक स्थापित कर रहा है, देश के नागरिकों को सशक्त बना रहा है, आर्थिक अवसरों को बढ़ा रहा है और वैश्विक वित्तीय क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव में योगदान दे रहा है।
अक्टूबर में लेनदेन बढ़कर 16.58 अरब पर पहुंचा
एक आधिकारिक बयान के अनुसार यूपीआई से अक्टूबर 2024 में 16.58 बिलियन वित्तीय लेनदेन के माध्यम से 23.49 लाख करोड़ रुपये का प्रभावशाली लेनदेन किया गया, जो अक्टूबर 2023 में हुए 11.40 बिलियन लेनदेन की तुलना में 45 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।
UPI प्लेटफॉर्म से 632 बैंक जुड़े हैं
गौरतलब है कि इसके प्लेटफॉर्म से 632 बैंक जुड़े हैं, तथा इसके उपयोग में यह वृद्धि भारत के भुगतान परिदृश्य में यूपीआई के बढ़ते प्रभुत्व को उजागर करती है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक आम लोग और व्यवसाय डिजिटल लेनदेन की सुविधा और सुरक्षा को अपना रहे हैं, लेनदेन की बढ़ती संख्या और मूल्य देश को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में यूपीआई की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं।
यूपीआई को क्या विशिष्ट बनाता है?
यूपीआई ने अपनी सहजता, सुरक्षा और बहुउपयोगिता के साथ भारत में डिजिटल भुगतान को पूरी तरह से बदल दिया है। चौबीसों घंटे लेन-देन की सुविधा प्रदान करके और सिंगल-क्लिक भुगतान और वर्चुअल एड्रेस जैसी सुविधाएँ प्रदान करके, यह उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधा और गोपनीयता दोनों सुनिश्चित करता है। एक ऐप में कई बैंकिंग सेवाओं को एकीकृत करने की इसकी क्षमता इसे वित्तीय प्रौद्योगिकी में एक गेम-चेंजर बनाती है।
क्यों अलग है यूपीआई ?
आपको बता दें कि यूपीआई से चौबीसों घंटे में मोबाइल डिवाइस के माध्यम से वर्ष के 365 दिन, 24 घंटे तत्काल धन हस्तांतरण की सुविधा मिलती है। उपयोगकर्ताओं को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके कई बैंक खातों तक पहुंच की अनुमति देता है। सिंगल क्लिक 2-फैक्टर प्रमाणीकरण प्रदान करता है, जो विनियामक अनुपालन और सुरक्षित एक-क्लिक पर लेनदेन सुनिश्चित करता है। लेन-देन के लिए वर्चुअल एड्रेस का उपयोग होता है, जिससे खाता संख्या या आईएफएससी कोड जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
सबसे अहम है क्यूआर कोड एकीकरण, क्यूआर कोड स्कैनिंग के माध्यम से आसान भुगतान की सुविधा, त्वरित और सुरक्षित लेनदेन किया जाता है। यही नहीं, यह कैश-ऑन-डिलीवरी का विकल्प भी देता है। जिससे डिलीवरी के दौरान नकद भुगतान या तत्काल भुगतान की परेशानी को समाप्त करके लेनदेन को सरल बनाता है।
UPI की और भी खूबियां हैं
इसके अतिरिक्त UPI की और भी खूबियां हैं। जैसे -व्यापारी और इन-ऐप भुगतान:व्यापारियों के लिए एकल एप्लिकेशन के माध्यम से या सीधे ऐप्स के भीतर भुगतान, विविध भुगतान विकल्प-इसमें उपयोगिता वाले बिलों का भुगतान, ओवर-द-काउंटर लेनदेन और स्कैन-एंड-पे सुविधाएं प्रदान करता हैं। लेन-देन में आसानी: दान, संग्रह, संवितरण और बहुत कुछ आसानी से संभव होता है। यही नहीं UPI उपयोगकर्ताओं को मोबाइल एप्लिकेशन से सीधे शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है।
यूपीआई ने छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी वालों और प्रवासी श्रमिकों पर गहरा प्रभाव डाला
यूपीआई ने छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी वालों और प्रवासी श्रमिकों पर गहरा प्रभाव डाला है, जिससे उन्हें पैसे ट्रांसफर करने और भुगतान प्राप्त करने का एक आसान और कुशल तरीका मिल गया है। कोविड-19 महामारी के दौरान इसका उपयोग विशेष रूप से तेज़ हुआ, क्योंकि लोगों ने नकद लेनदेन के लिए सुरक्षित, संपर्क रहित विकल्प तलाशे।
यह उपयोगकर्ताओं को अपने पसंदीदा भुगतान ऐप चुनने की सुविधा देता है
यूपीआई की एक अन्य महत्वपूर्ण डिजाइन विशेषता यह है कि इसमें उपयोगकर्ताओं को अपने पसंदीदा भुगतान ऐप चुनने की सुविधा दी गई है, भले ही उनका खाता किसी भी बैंक में हो। इस आसानी ने उपभोक्ताओं को विकल्प चुनने की शक्ति प्रदान की है, जिससे उनके लिए यूपीआई को अपने भुगतान पद्धति के रूप में अपनाना आसान हो गया है। रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई के साथ एकीकृत करना डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एक और क्रांतिकारी कदम है।
यूपीआई सात देशों में जारी है
भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गति पकड़ रही है, क्योंकि यूपीआई और रुपे दोनों ही दुसरे देशों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। वर्तमान में, यूपीआई 7 देशों में जारी है, जिसमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं।