प्रतिक्रिया | Monday, March 03, 2025

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और निर्देशन में यूपी का हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में यह उद्योग कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला विकेन्द्रीयकृत कुटीर उद्योग बनकर उभरा है। इस क्षेत्र में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं 80 हजार से अधिक परिवार संलग्न हैं। वहीं, 2.58 लाख पावरलूम के माध्यम से 5.50 लाख से अधिक बुनकरों को रोजगार मिल रहा है।

आपको बता दें, भारत विश्व स्तर पर कपड़े का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है, जो 2023-24 में देश के कुल निर्यात में 8.21% का योगदान देता है। यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार में 4.5% हिस्सेदारी रखता है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ भारत के कपड़ा और परिधान निर्यात की 47% हिस्सेदारी रखते हैं।

आधिकारिक बयान के अनुसार रोजगार के दृष्टिकोण से, कपड़ा उद्योग 45 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है और अप्रत्यक्ष रूप से 100 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका में सहयोग करता है, जिसमें महिलाओं और ग्रामीण श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। यह मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण युवा रोजगार जैसी प्रमुख सरकारी पहलों के साथ संरेखित है, जो समावेशी आर्थिक विकास में अपनी भूमिका को सुदृढ़ करता है।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जिससे बुनकरों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। राज्य में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। पीएम मित्र योजना के अंतर्गत बनने वाले पार्क वस्त्र उद्योग को आधुनिक तकनीकों से लैस करेंगे और उत्पादन लागत को कम करके उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक बनाएंगे। इससे उत्तर प्रदेश के कपड़ा उद्योग को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी।

इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने वस्त्र एवं परिधान उद्योग को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश वस्त्र-गारमेंटिंग नीति-2022 लागू की है, जिसके सफल क्रियान्वयन के लिए बजट 2025-26 में 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को परिधान निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में सरकार का यह एक बड़ा कदम है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगे तथा पारंपरिक बुनकरों एवं नए उद्यमियों को नई उड़ान देंगे।

पावरलूम बुनकरों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बजट में 400 करोड़ रुपए की लागत से अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना को प्रस्तावित किया है। इस योजना से बुनकरों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके उत्पादन की लागत कम होगी और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।

 

 

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आखरी अपडेट: 3rd Mar 2025