प्रतिक्रिया | Thursday, February 13, 2025

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होंने आज (सोमवार) सुबह चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। सीएम धामी के साथ उनकी पत्नी, मां और बेटा भी पवित्र अनुष्ठान के लिए मौजूद थे। पवित्र डुबकी लगाने के बाद धामी ने त्रिवेणी संगम में पक्षियों को दाना भी डाला।

इसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान पुष्कर धामी ने इस अवसर के लिए आभार व्यक्त किया और खुद को यहां आकर पवित्र डुबकी लगाने के लिए “सौभाग्यशाली” बताया। उन्होंने यह भी दोहराया कि हरिद्वार में कुंभ मेला 2027 की तैयारियां पहले से ही चल रही हैं।

आपको बता दें, इससे पहले कल रविवार को उन्होंने महाकुंभ 2025 के लिए स्थापित उत्तराखंड मंडपम का निरीक्षण किया था। जिसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड मंडपम में ठहरे तीर्थयात्रियों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।

आधिकारिक बयान में कहा गया है सीएम धामी के निर्देशों के तहत उत्तराखंड सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में यह सुविधा स्थापित की है। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे आवास और भोजन व्यवस्था की भी समीक्षा की। पुष्कर धामी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्तराखंड मंडपम देश और दुनिया भर के भक्तों के लिए प्रदेश की संस्कृति का अनुभव करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। आवास की पेशकश के अलावा उत्तराखंड मंडपम आगंतुकों को महाकुंभ के भीतर राज्य को समझने का भी मौका देता है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उत्तराखंड मंडपम राज्य के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने की सुविधा प्रदान कर रहा है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उत्तराखंड की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के अलावा क्षेत्र की कला, संस्कृति और विशेष उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री की व्यवस्था की गई है।

इस बीच सीएम धामी ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि और परमार्थ निकेतन प्रमुख चिदानंद सरस्वती के साथ ‘समानता के साथ समरसता’ कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने ज्ञान महाकुंभ में आयोजित ‘भारतीय शिक्षा: राष्ट्रीय संकल्पना’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

वहीं,उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि रविवार को लगभग 8.429 मिलियन भक्तों ने महाकुंभ 2025 में पवित्र स्नान किया। महाकुंभ 2025 में अब तक 42 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ 2025 पौष पूर्णिमा (13 जनवरी, 2025) को शुरू हुआ था। यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो दुनिया भर से भक्तों को आकर्षित करता है। भव्य आयोजन 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा।

इस आयोजन ने पहले ही देश और दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकर्षित किया है और उम्मीद है कि यह उपस्थिति और भागीदारी के नए रिकॉर्ड बनाएगा। (इनपुट-एएनआई)

 

 

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आखरी अपडेट: 14th Feb 2025