प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

 

 

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करन के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दोगुनी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या देखने को मिल रही है, जो सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है। ऐसे में प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि श्रद्धालु अब चारों धामों के मंदिर परिसर के 200 मीटर की परिधि में मोबाइल का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पंजीकरण के बगैर कोई भी श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकेंगे।

दर्शन को सुगम बनाने के लिए लिया गया फैसला
दरअसल, उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। ऐसे में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दोगुनी संख्या में श्रद्धालु धामों में दर्शन को पहुंच रहे हैं। सभी श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। मुख्य सचिव ने बताया कि चारों धामों के मंदिर परिसर के 200 मीटर की परिधि में कोई भी श्रद्धालु मोबाइल का प्रयोग नहीं कर सकेगा। ताकि मोबाइल के दुरुपयोग को रोका जा सके और दर्शन को सुगम बनाया जाए।

बिना रजिस्ट्रेशन किसी को भी चारधाम के दर्शन नहीं
उत्तराखंड शासन ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनकी ओर से सभी श्रद्धालुओं को अवगत करा दिया जाए कि बिना रजिस्ट्रेशन किसी को भी चारधाम के दर्शन नहीं करने दिए जाएंगे। चेक पोस्ट पर पकड़े जाने पर उन्हें वहीं रोक दिया जाएगा, आगे नहीं जाने दिया जाएगा। व्यवस्थित व सुगम चारधाम यात्रा संचालन में यात्री नियमों का पालन करें।

ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 17 मई से 19 मई तक बंद
वहीं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश में खोले गए ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 17 मई से 19 मई तक बंद रहेंगे। यह निर्णय धामों पर पूर्व से पंजीकृत श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक दर्शन कराए जाने की दृष्टि से लिया गया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक सुमित पंत ने इसकी पुष्टि की है।

चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने पंजीकरण अनिवार्य किया है। इससे श्रद्धालुओं को अपनी पंजीकृत तिथि पर दर्शन लाभ प्राप्त हो सकेगा। इसी क्रम में धामों पर दर्शन की टोकन व्यवस्था भी सुचारु रूप से कार्य कर रही है। इससे श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन का लाभ मिल रहा है। पर्यटन विभाग के अनुसार पंजीकरण के बाद धामों पर पहुंचकर दर्शन के लिए श्रद्धालु टोकन प्राप्त कर समयानुसार दर्शन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। श्रद्धालुओं से अपील है कि बिना पंजीकरण कराए यात्रा न करें और पंजीकृत तिथियों पर ही धामों पर पहुंचें।

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आखरी अपडेट: 26th Jul 2024