प्रतिक्रिया | Thursday, January 30, 2025

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25/11/23 | 12:22 pm

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Uttarkashi Tunnel Rescue Operation : फिर से शुरू हुई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग,बचाव अभियान अंतिम चरणों में 

उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के दोबारा चलने से रेस्क्यू अभियान को गति मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा। इससे पहले ऑगर मशीन से खुदाई के दौरान बार बार अवरोधों के चलते दूसरे प्लान के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दिया गया था। 

टनल के बाहर मजदूरों के परिजन कर रहे इंतजार

 उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू अभियान जारी है। शनिवार सुबह से ही टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों  के परिजन अपनों का इंतजार कर रहे हैं। परिजनों को उम्मीद है कि आज सभी टनल से सकुशल बाहर निकल जाएंगे। टनल के अंदर धातु के टुकड़ों का अवरोध हटाया गया। उत्तरकाशी टनल के अंदर ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के सामने कई दिक्कतें आ रहीं हैं।  2.2 मीटर खुदाई करने के बाद ऑगर मशीन रुक गई थी, मगर अब धातु के टुकड़े को निकाल लिया गया है।

 दो कदम पीछे हटकर आगे बढ़े इंजीनियर

सुरंग के भीतर मलबे को चीर कर इंजीनियरों ने 48 मीटर तक पाइप बिछाने में सफलता हासिल कर ली थी। इसी बीच ऑगर मशीन के आगे आई बाधाओं ने रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। इसके चलते शुक्रवार को 1.2 मीटर पीछे भी हटना पड़ा। अपर सचिव अहमद ने बताया कि पाइप आगे से मुड़ने के चलते काफी खराब हो गया था। ऐसे में एक्सपर्ट को 1.2 मीटर पाइप काटना पड़ा। 1.2 मीटर के रूप में दो कदम पीछे हटने के बाद रास्ता साफ हो गया।
 
बचाव दल जाएगा टनल के अंदर श्रमिकों के पास

बचाव अभियान अब लगभग अंतिम चरण में है। इसके मद्देनजर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान फंसे मजदूरों को पाइप की मदद से बाहर लाने के अभ्यास में लगे हैं। 800 एमएम का पाइप मलबे के आरपार होने के बाद, पहले उसकी सफाई कराई जाएगी। इसके बाद एनडीआरएफ के जवान, पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंचेंगे। वह मजदूरों को बचाव की प्रक्रिया बताएंगे और फिर शुरू होगी श्रमिकों की निकासी।

पीएम मोदी ने बचाव कार्य की ली जानकारी 

शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत में प्रधानमंत्री ने बचाव कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा और रुकावटों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है।

पीएम ने श्रमिकों के चिकित्सकीय देखभाल के लिए कहा

इस दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री धामी को विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल का खास ख्याल रखें। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की स्थिति और उनको दी जाने वाली खाद्य और दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं के बारे में जानकारी ली। 

पीएम ने राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों के सुरक्षा उपायों के बारे में भी पूछा 

इसके साथ ही पीएम मोदी ने राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों की स्थिति और उनके लिए किए जा रहे सुरक्षा के उपाय के बारे में पूछा और निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रहे। उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति और किए जा रहे कार्यों के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और यदि किसी अन्य सहयोग की जरूरत है तो उस पर जानकारी ली। साथ ही श्रमिकों के परिजनों के बारे में जानकारी ली। 

बेहतर ढंग से पूरे ऑपरेशन की हो रही मॉनिटरिंग 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी है कि सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही उनके द्वारा मातली में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है ताकि बेहतर ढंग से पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग हो सके।

श्रमिकों तक रोजाना भेजा जा रहा ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस 

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 6 इंच व्यास के पाइप लाइन के सफलतापूर्वक बिछाए जाने के बाद वैकल्पिक लाइफ लाइन बनाई गई है जिसके माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस के साथ ही डिस्पोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्यकता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही हैं। इससे श्रमिकों के भोजन एवं पोषण की समस्या को लेकर अब कोई चिंता नहीं है। 

श्रमिकों से किया जा रहा नियमित संवाद

इसी पाइप लाइन के जरिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है। इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है।

25/11/23 | 12:22 pm

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Uttarkashi Tunnel Rescue Operation : फिर से शुरू हुई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग,बचाव अभियान अंतिम चरणों में 

उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के दोबारा चलने से रेस्क्यू अभियान को गति मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा। इससे पहले ऑगर मशीन से खुदाई के दौरान बार बार अवरोधों के चलते दूसरे प्लान के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दिया गया था। 

टनल के बाहर मजदूरों के परिजन कर रहे इंतजार

 उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू अभियान जारी है। शनिवार सुबह से ही टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों  के परिजन अपनों का इंतजार कर रहे हैं। परिजनों को उम्मीद है कि आज सभी टनल से सकुशल बाहर निकल जाएंगे। टनल के अंदर धातु के टुकड़ों का अवरोध हटाया गया। उत्तरकाशी टनल के अंदर ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के सामने कई दिक्कतें आ रहीं हैं।  2.2 मीटर खुदाई करने के बाद ऑगर मशीन रुक गई थी, मगर अब धातु के टुकड़े को निकाल लिया गया है।

 दो कदम पीछे हटकर आगे बढ़े इंजीनियर

सुरंग के भीतर मलबे को चीर कर इंजीनियरों ने 48 मीटर तक पाइप बिछाने में सफलता हासिल कर ली थी। इसी बीच ऑगर मशीन के आगे आई बाधाओं ने रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। इसके चलते शुक्रवार को 1.2 मीटर पीछे भी हटना पड़ा। अपर सचिव अहमद ने बताया कि पाइप आगे से मुड़ने के चलते काफी खराब हो गया था। ऐसे में एक्सपर्ट को 1.2 मीटर पाइप काटना पड़ा। 1.2 मीटर के रूप में दो कदम पीछे हटने के बाद रास्ता साफ हो गया।
 
बचाव दल जाएगा टनल के अंदर श्रमिकों के पास

बचाव अभियान अब लगभग अंतिम चरण में है। इसके मद्देनजर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान फंसे मजदूरों को पाइप की मदद से बाहर लाने के अभ्यास में लगे हैं। 800 एमएम का पाइप मलबे के आरपार होने के बाद, पहले उसकी सफाई कराई जाएगी। इसके बाद एनडीआरएफ के जवान, पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंचेंगे। वह मजदूरों को बचाव की प्रक्रिया बताएंगे और फिर शुरू होगी श्रमिकों की निकासी।

पीएम मोदी ने बचाव कार्य की ली जानकारी 

शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत में प्रधानमंत्री ने बचाव कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा और रुकावटों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है।

पीएम ने श्रमिकों के चिकित्सकीय देखभाल के लिए कहा

इस दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री धामी को विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल का खास ख्याल रखें। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की स्थिति और उनको दी जाने वाली खाद्य और दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं के बारे में जानकारी ली। 

पीएम ने राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों के सुरक्षा उपायों के बारे में भी पूछा 

इसके साथ ही पीएम मोदी ने राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों की स्थिति और उनके लिए किए जा रहे सुरक्षा के उपाय के बारे में पूछा और निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रहे। उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति और किए जा रहे कार्यों के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और यदि किसी अन्य सहयोग की जरूरत है तो उस पर जानकारी ली। साथ ही श्रमिकों के परिजनों के बारे में जानकारी ली। 

बेहतर ढंग से पूरे ऑपरेशन की हो रही मॉनिटरिंग 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी है कि सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही उनके द्वारा मातली में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है ताकि बेहतर ढंग से पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग हो सके।

श्रमिकों तक रोजाना भेजा जा रहा ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस 

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 6 इंच व्यास के पाइप लाइन के सफलतापूर्वक बिछाए जाने के बाद वैकल्पिक लाइफ लाइन बनाई गई है जिसके माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस के साथ ही डिस्पोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्यकता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही हैं। इससे श्रमिकों के भोजन एवं पोषण की समस्या को लेकर अब कोई चिंता नहीं है। 

श्रमिकों से किया जा रहा नियमित संवाद

इसी पाइप लाइन के जरिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है। इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है।

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आखरी अपडेट: 30th Jan 2025