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29/05/24 | 11:11 am | chaudhary charan Singh

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज बुधवार को दिल्ली के किसान घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उपराष्ट्रपति के साथ रालोद प्रमुख चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी भी मौजूद थे। गौरतलब है कि इस साल चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। वे 1929 में मेरठ चले गए और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। वे पहली बार 1937 में छपरौली से यूपी विधानसभा के लिए चुने गए इसके बाद 1946, 1952, 1962 और 1967 में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने इसके साथ ही उन्होंने राजस्व, चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य, न्याय,सूचना आदि जैसे विभिन्न विभागों में भी काम किया। जून 1951 में उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया और न्याय और सूचना विभागों का प्रभार दिया गया। बाद में, उन्होंने 1952 में संपूर्णानंद के मंत्रिमंडल में राजस्व और कृषि मंत्री का पद संभाला। जब उन्होंने अप्रैल 1959 में इस्तीफा दिया, तब वे राजस्व और परिवहन विभाग का प्रभार संभाल रहे थे।

उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के प्रमुख वास्तुकार थे चौधरी चरण सिंह

चरण सिंह जनता पार्टी में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। वे न केवल एक अनुभवी राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक विपुल लेखक भी थे। उनकी साहित्यिक कृतियाँ, जिनमें भूमि सुधार और कृषि नीतियों पर लेखन शामिल है, सामाजिक कल्याण और आर्थिक सुधारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

उन्हें उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाना जाता है । उनके प्रयासों से महत्वपूर्ण भूमि सुधार विधेयकों को अधिनियमित किया गया जैसे कि 1939 का डिपार्टमेंट रिडेम्पशन बिल और 1960 का लैंड होल्डिंग एक्ट, जिसका उद्देश्य भूमि वितरण और कृषि स्थिरता के मुद्दों को संबोधित करना था।

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आखरी अपडेट: 26th Dec 2024