भारत की सांसकृतिक समृद्धि दुनिया के लिए हमेशा से ही जानने-समझने का एक बेहद ही रोचक विषय रही है। महाभारत से लेकर मल्टीप्लेक्स हिट तक भारत की जीवंत कहानियों ने हमेशा लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है, लेकिन आज की दुनिया में सिर्फ कहानी सुनाना ही काफी नहीं रह गया है; स्केल, स्ट्रेटजी और ग्लोबल अलाइनमेंट समय की मांग है। वेव्स 2025 एक ऐसा ही आयोजन है जो स्ट्रेटजिकली कंटेंट रिवॉल्यूशन के दौर में भारत की लीडरशिप को ग्लोबली स्थापित करने में बड़ी कामयाबी देगा। वेव्स के जरिए आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सफलता का ऐसा जादुई स्टोरी टेलर बन गया है, जहां से ग्लोबल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की बड़ी ‘लहर’ उठ चुकी है।
एक नए युग की शुरूआत
बॉलीवुड क्लासिक्स से लेकर क्षेत्रीय सिनेमा इंडस्ट्री तक उठ रहीं बदलाव के ‘वेव्स’ कंटेंट इंडस्ट्री, मनोरंजन जगत के लिए एक नए युग की शुरुआत है। WAVES 2025 की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाकई दूरदर्शी नेतृत्व का एक सुखद परिणाम है। मुंबई में आयोजित, वेव्स 2025 सिर्फ एक ‘इंडस्ट्री इवेंट’ से कहीं बढ़कर भारत का संदेश है कि ‘हम सिर्फ दुनिया की सबसे बड़ी कंटेंट फैक्ट्री नहीं हैं बल्कि हम इसका रचनात्मक भविष्य हैं।’
कहानीकार से लेकर कंटेंट लीडर तक
दरअसल WAVES 2025 भारत को वैश्विक कंटेंट निर्माण का केंद्र बनाने के लिए डिजाइन किया गया ऐसा आयोजन है जो पिछले उद्योग सम्मेलनों से अलग है। वेव्स फिल्म निर्माताओं, डिजिटल क्रिएटर्स, एनिमेटरों, तकनीकी नवोन्मेषकों, संगीत निर्माताओं, गेम डेवलपर्स और नीति निर्माताओं को एक साथ, एक छत के नीचे लाने का अनूठा प्रयोग है। आने वाले समय में भारत को कंटेंट, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक क्षेत्रीय खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि रचनात्मक उद्योग के बड़े केंद्र के रूप में पहचाना जाना जाएगा। वेव्स को ‘मनोरंजन जगत का दावोस’ कहकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को एक ‘नेशनल स्ट्रेटजिक असेट’ के रूप में फिर से परिभाषित किया है।
सॉफ्ट पावर टूल और जॉब जनरेटर
वेव्स की परिकल्पना एक सॉफ्ट पावर टूल, एक जॉब जनरेटर और वैश्विक प्रभाव के लिए एक बड़े मंच के तौर पर देखी जा रही है। इस आयोजन के बाद भारत सिर्फ एक कंटेंट सप्लायर नहीं रहेगा बल्कि ‘वैश्विक कंटेंट क्यूरेटर और ट्रेंडसेटर’ के तौर पर भी स्थापित होगा। इसी का परिणाम है कि आज कई अंतर्राष्ट्रीय स्टूडियो, ओटीटी दिग्गज और बड़ी तकनीकी फर्म भारतीय रचनाकारों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। क्षेत्रीय सिनेमा, लोक संगीत और लोकल आर्ट फॉर्म्स का भी अत्याधुनिक एनीमेशन, वीएफएक्स और एआई की मदद से कायाकल्प करने की तैयारी है।
एंटरटेनमेंट इकोनॉमी को बूस्टर डोज
वेव्स 2025 भारत की एंटरटेनमेंट इकॉनॉमी को भी जबरदस्त बूस्ट देने वाला है। वेवएक्सेलरेटर जैसी पहल मीडिया स्टार्टअप को वैश्विक निवेशकों और सलाहकारों से जोड़ेगी, जिससे नए विचारों और प्रतिभाओं के लिए फंडिंग के रास्ते खुलेंगे। ई-बाजार सेलर और पर्चेजर के लिए शानदार प्लेटफॉर्म है। मास्टरक्लास, AI- वर्कशॉप और रीयल-टाइम प्रोडक्शन लैब युवा क्रिएटर्स के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। कुल मिलाकर आने वाले समय में मुंबई, मणिपुर से लेकर मदुरै तक के क्रिएटर्स को नई पहचान मिलने की उम्मीद है और नौकरियों के द्वार भी खुलते नजर आ रहे हैं।
परंपरा और प्रौद्योगिकी का संगम
WAVES 2025 की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है कि इसके जरिए परंपरा और प्रोद्योगिकी का जबरदस्त संगम दिख रहा है। जहां एक तरफ सुनहरे भविष्य की परिकल्पना है वहीं भारतीय विरासत के सम्मान से कोई छेड़छाड़ नहीं। वाह उस्ताद जैसा कार्यक्रम शास्त्रीय संगीत और गजलों को बढ़ावा देता है। क्रिएट इन इंडिया चैलेंज मॉडर्न स्टोरी के साथ पौराणिक कथाओं को मिलाकर नए युग के कहानीकारों को पहचान देता है। यह हाइब्रिड एप्रोच सुनिश्चित करती है कि भारत की प्राचीन कहानी कहने की कला सिलिकॉन वैली-ग्रेड तकनीक को टक्कर देगी।
उद्योग जगत की राय
भारतीय मनोरंजन जगत की शीर्ष हस्तियां WAVES को ‘गेम-चेंजर’ मान रही हैं। अभिनेता शाहरुख खान ने भारत की सॉफ्ट पावर को केंद्र में लाने के लिए इस पहल की प्रशंसा की तो एकता कपूर ने इसे ऐसा पहला मंच बताया जहां हर क्रिएटर, इंडस्ट्री का क्षेत्रीय या मुख्यधारा से जुड़ा हुआ व्यक्ति भी अपना प्रतिनिधित्व महसूस करता है। अक्षय कुमार ने भी इसे सबके साथ आगे बढ़ने वाला मंच बताया हैं। यही वजह है कि इंटरनेशनल प्लेयर भी अब भारतीय बाजार में अपनी भागीदारी और बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक नेटफ्लिक्स और डिज्नी+ जैसी कंपनियां भारत में कंटेंट एक्सपेंशन प्लान की योजना बना रही हैं। दुनिया WAVES को इंडस्ट्री के एक टर्निंग पॉइंट की तरह देख रही है।
आगे की राह?
दरअसल WAVES 2025 एक ऐसे दशक की शुरुआत का मंच बन गया है जहां भारत केवल मूकदर्शक या सिर्फ हिस्सेदार नहीं होगा बल्कि ग्लोबल एंटरटेनमेंट नरेटिव को लीड करेगा। अपने टेलेंट पूल, कल्चरल डेप्थ और भाषाई विविधता के साथ भारत वैश्विक मंचों पर खुद को लीडर के तौर पर स्थापित करने की दिशा में बड़ी छलांग लगा चुका है। आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे बड़ा कंटेंट एक्सपोर्टर होगा। को-प्रोडक्शन और क्रिएटिव आउटसोर्सिंग के लिए जाने-माने केंद्र के तौर पर भारत की पहचान होने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
रचनात्मक भविष्य का बड़ा लॉन्चपैड
अगर ये कहा जाए कि वेव्स 2025 सिर्फ़ एक शिखर सम्मेलन नहीं बल्कि यह एक सांस्कृतिक क्रांति है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भारत ने अपने रचनात्मक भविष्य के लिए वेव्स के रूप में जो लॉन्चपैड बनाया है आज दुनिया उसे देख रही है। वैश्विक स्क्रीन से लेकर वर्चुअल मंचों तक, भारतीय मनोरंजन अब एक उभरती हुई सॉफ्ट पॉवर नहीं है बल्कि यह एक रचनात्मक पॉवर हाउस बन चुका है। आने वाले समय में जैसे-जैसे ये ‘वेव’ उठेंगी, लाखों रचनाकारों, निर्माताओं और कहानीकारों के सपने ग्लोबल स्टेज पर देखे जाएंगे और उनके साकार होने का जश्न मनाया जाएगा।
– (लेखक अमित शर्मा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी पकड़ रखने वाले अनुभवी पत्रकार हैं।)