विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक पांच दिवसीय 54वीं बैठक का आगाज आज से होगा। स्विट्जरलैंड के दावोस में हो रही यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, संघर्ष एवं फेक न्यूज जैसे कई संकटों से जूझ रही है। बैठक में दुनियाभर के 2,800 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इनमें 60 से अधिक राष्ट्र एवं सरकारों के प्रमुख शामिल हैं।
बैठक के अहम मुद्दे
द स्विस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व आर्थिक मंच की इस बैठक में राजनीति, व्यापार और समाज के प्रमुख अतिथि यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्ध, संभावित नई महामारी, जलवायु परिवर्तन और साइबर हमले जैसे चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। मंच की विशिष्ट बैठक ग्रीसंस पर्वत रिसॉर्ट में होगी। इस बैठक के एजेंडे में गाजा और यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए उच्चस्तरीय वार्ता सबसे ऊपर है। सबसे महत्वपूर्ण अतिथि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्स्की हैं। उनके मंगलवार को यहां पहुंचने की संभावना है। रूस के सहयोगी देश चीन प्रधानमंत्री ली कियांग भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। पश्चिम को उम्मीद है कि वह बीजिंग के माध्यम से मास्को को प्रभावित करने में सक्षम होगा।
भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे ये केंद्रीय मंत्री
इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व तीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी करेंगे। उनके साथ तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और 100 से ज्यादा सीईओ भी मौजूद रहेंगे। बैठक की औपचारिक शुरुआत से एक दिन पहले यूक्रेन के लिए शांति योजना पर चर्चा करने के लिए दावोस ने पहली बार 90 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक की मेजबानी की।
बैठक की थीम है- रीबिल्डिंग ट्रस्ट
द स्विस टाइम्स के अनुसार एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बार्ज ब्रेंडे ने कहा कि यह बैठक बेहद जटिल और सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक परिदृश्य में हो रही है। इस दौरान ब्रेंडे ने भारत को आठ प्रतिशत से अधिक जीडीपी वाला प्रमुख देश करार दिया। इस वर्ष की बैठक की थीम है- रीबिल्डिंग ट्रस्ट।
क्या है 'विश्व आर्थिक मंच' की दावोस बैठक?
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक – जिसे आमतौर पर दावोस सम्मेलन के रूप में जाना जाता है, प्रत्येक वर्ष जनवरी में होती है। बैठक में लगभग 3,000 सदस्यों और चयनित प्रतिभागिएक साथ आते है जिनमें निवेशक, व्यापारिक नेता, राजनीतिक नेता, अर्थशास्त्री , मशहूर हस्तियां और पत्रकार शामिल हैं।
इसमें लगभग 500 सत्रों में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पांच दिनों तक बैठके और सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। हालांकि, इसकी प्रमुखता आर्थिक मुद्दों पर चर्चा से कहीं आगे जाती है। अतीत में, इसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए एक स्थान के रूप में इस्तेमाल किया गया है क्योंकि यहां नेता आपसी तनाव को तोड़ने में सक्षम होते हैं।
क्या है 'विश्व आर्थिक मंच' ?
विश्व आर्थिक मंच स्विट्जरलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय कोलोग्नी में है। स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है। इस मंच की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबन्धन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी। उस वर्ष यूरोपियन कमीशन और यूरोपियन प्रोद्योगिकी संगठन के सौजन्य से इस संगठन की पहली बैठक हुई थी। इसमें प्रोफेसर श्वाब ने यूरोपीय व्यवसाय के 444 अधिकारीयों को अमेरिकी प्रबन्धन प्रथाओं से अवगत कराया था।
वर्ष 1987 में इसका नाम विश्व आर्थिक मंच कर दिया गया और तब से अब तक, प्रतिवर्ष जनवरी महीने में इसके बैठक का आयोजन होता है। प्रारम्भ में इन बैठकों में प्रबन्धन के तरीकों पर चर्चा होती थी