प्रतिक्रिया | Sunday, February 09, 2025

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WEF 2025 : दुनिया के 25 देश प्लास्टिक प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज के खिलाफ हुए एकजुट

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2025 की वार्षिक बैठक में सात और देश ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP) से जुड़ गए हैं। अब इस पहल में शामिल देशों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। नए सदस्य देशों में अंगोला, बांग्लादेश, गैबोन, ग्वाटेमाला, केन्या, सेनेगल और तंजानिया शामिल हैं। ये देश वैश्विक प्लास्टिक कचरे को कम करने, टिकाऊ सामग्रियों को बढ़ावा देने और रीसाइक्लिंग सिस्टम को मजबूत करने पर काम करेंगे ताकि पृथ्वी को स्वच्छ और हरित बनाया जा सके।

ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP) की निदेशक क्लेमेंस श्मिड ने इस उपलब्धि पर जोर देते हुए कहा “25 देशों का इस पहल में शामिल होना यह दिखाता है कि दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए एकजुट हो रही है। हम प्लास्टिक के उत्पादन, प्रबंधन और पुन: उपयोग के तरीकों को बदलने के लिए काम कर रहे हैं जिससे भविष्य अधिक टिकाऊ हो सके।” GPAP अब तक 3.1 बिलियन डाॅलर का निवेश जुटा चुका है और कचरा प्रबंधन के अनौपचारिक कामगारों के लिए सुरक्षित नौकरियां बनाई हैं। यह पहल प्लास्टिक कचरे को कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जो हर साल 1.8 बिलियन टन होता है) को घटाने में भी देशों की मदद कर रही है।

बता दें कि हर साल 6 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा महासागरों में पहुंचता है जबकि उससे दोगुना जमीन को प्रदूषित करता है। यह प्लास्टिक कचरा पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता और मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव डालता है। GPAP का लक्ष्य प्लास्टिक प्रबंधन के लिए सर्कुलर सिस्टम को अपनाना है, जो लैंडफिल (कचरा भराव क्षेत्रों) से निकलने वाली मीथेन जैसी हानिकारक गैसों को कम करेगा। मीथेन, अल्पावधि में कार्बन डाइऑक्साइड से 80 गुना अधिक खतरनाक है। इस पहल का उद्देश्य ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना भी है, जिससे 2030 तक वैश्विक स्तर पर 6 मिलियन नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं।

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आखरी अपडेट: 9th Feb 2025