प्रतिक्रिया | Tuesday, April 29, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

कौन सी बीमार विचारधारा है जो कायरों को निर्दोषों की हत्या करने और इसे ‘मिशन’ कहने का अधिकार देती है?

पहलगाम की शांत घाटी, जो स्वर्ग जैसी सुंदरता के लिए जानी जाती है, एक दिल दहला देने वाली त्रासदी का स्थल बन गई। कायर आतंकवादियों ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार करते हुए निर्दोष लोगों पर घात लगाकर हमला किया और उनकी निर्मम हत्या कर दी। जो बच्चे खेलने आए थे, जो माता-पिता अपने परिवार के साथ यादगार पल हमेशा के लिए अपने ज़हन में बसाने आए थे, जो पर्यटक धरती के स्वर्ग की सुंदर गाथा दुनिया तक पहुंचाने आए थे, बुजदिलों ने हमेशा के लिए उनकी आवाज़ बंद कर दी। मासूमों के चीखने की आवाज़ और महिलाओं का करुण क्रंदन सुन भी सीमा पार से धर्म की अफीम चाटकर आए दरिंदों का दिल न पसीजा। दुनिया जानती है कि जिहाद के नाम पर सबसे घटिया किस्म की कायरता के पीछे कौन है और इसका अंजाम क्या होगा।

आतंकियों की मौत की सजा पर हस्ताक्षर

कायर आतंकवादियों ने छल से निहत्थे नागरिकों पर घात लगाकर हमला किया। महिलाओं और बच्चों पर गोलियां चलाईं। उन लोगों को हिंसा की आग में झोंक दिया जिनके पास लड़ने के लिए कोई हथियार नहीं थे। जो पहलगाम की शांत घाटियां, कभी परिवारों की हँसी और प्रकृति के नज़ारों को निहारते पर्यटकों के कोमल कदमों की आहट सुनती थीं वे आतंकवादियों की बंदूकों से निकलने वाली गोलियों की तड़तड़ाहट से सहमी हैं लेकिन जिन लोगों को लगता है कि धर्म के नाम पर किए गए इस कायराना कृत्य ने इंसानियत को डरा दिया है? वो गलतफहमी में हैं। इस कायराना हरकत ने केवल आतंकियों की मौत की सजा पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय सेना ने ऐसे घावों को कभी अनुत्तरित नहीं रहने दिया। पुलवामा से लेकर उरी तक, जब-जब हमारे लोगों का खून बहा, हमारी सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस बार भी ऐसी ही होगा। एक अरब भारतीयों के दिलों में प्रतिशोध की जो आग जली है उसमें इस नरसंहार के पीछे छिपे कायर एक-एक करके जलेंगे।

इस बार सिर्फ मोमबत्तियां नहीं जलेंगी

आतंकवादी सिर्फ पहाड़ों पर भाग सकते हैं। जंगलों में छिप सकते हैं लेकिन इस राष्ट्र के संकल्प से नहीं बच सकते। हमारी सेनाएं भूलती नहीं हैं। वे माफ़ नहीं करती हैं और वे कभी चूकती भी नहीं हैं। घाव कितना गहरा है और दरिंदों का अंजाम क्या होने वाला है इसका अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को बीच में ही छोड़ते हुए वतन वापस आ गए और गृहमंत्री अमित शाह घटना वाले दिन ही पहलगाम पहुंच गए। अमित शाह ने घटनास्थल पर पहुंच आतंक की आड़ में छिप पर कायराना हरकत करने वाले पड़ोसी मुल्क को ये संदेश भी दे दिया है कि भारत ऐसी गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं है बल्कि हिसाब बराबर करने वाला देश है। इस कायराना हरकत के बाद भारत के प्रत्युत्तर का अंदाजा गृहमंत्री अमित शाह के बयान से लगाया जा सकता है। उन्होंने साफ़ कहा है, ‘भारत आतंक के आगे झुकेगा नहीं। इस कायराना आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’

पानी के लिए भी तरसेगा पाकिस्तान!

इस आतंकी हमले के बाद सिर्फ बातें नहीं की जा रहीं बल्कि एक्शन भी शुरू हो गया है। भारत ने कई अहम फैसले लिए हैं। पड़ोसी मुल्क पानी को भी तरस सकता है। सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया है साथ ही अटारी बॉर्डर भी बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है। पाकिस्तान नागरिकों को भारत वीजा नहीं देगा। उच्चायोग से भारत ने सभी तरह की सिक्योरिटी हटा ली है व कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। भारत में पाकिस्तान की किसी भी तरह की उपस्थिति फ़िलहाल बर्दाश्त नहीं है, पाकिस्तान सरकार का एक्स अकाउंट भी भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है।

भारत के रुख से पाकिस्तान में खलबली

पहलगाम आतंकी हमले के बाद विदेश दौरे को बीच में ही छोड़ देश लौटे प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च स्तरीय सीसीएस बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के बाद पड़ोसी मुल्क में हलचल है। पाकिस्तान की हालत इतनी पतली है कि घबराहट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी तुरंत राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है। बार-बार अपनी हरकतों से बाज न आने वाले पाकिस्तान को इस बात का अंदाजा हो गया है कि उसने कितनी बड़ी गलती है की है और भारत इस गलती की सजा उसी की भाषा में अगर देता है तो दूसरों के टुकड़ों पर पलने वाले देश की क्या हालत होगी।

घाटी की बदली फिजा

पाकिस्तान इस बात से भी परेशान है कि जिस ज़मीन को वो आतंक की ‘नर्सरी’ के तौर पर उपयोग करने के सपने देख रहा था वहां की फिजा अब बदल चुकी है। बीते कई दशकों में पहली बार ये हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोग भी खुलकर दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में पूरे कश्मीर में बंद और विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। जिस घाटी में कभी दहशतगर्दों का राज चलता था आज वहां समाज का हर वर्ग- व्यापारी, छात्र, सामाजिक संगठन, आम नागरिक सड़कों पर उतरकर इस बर्बरता की निंदा कर रहा है और एकजुटता का संदेश दे रहा है।

आंतक की आखिरी सांस तक लड़ाई

कल तक सीमा पार बैठे जो हैंडलर- बंद दरवाजों के पीछे मुस्कुरा रहे थे उन्हें भी सेना ने पैग़ाम पहुंचा दिया है। हमले के दूसरे दिन ही उरी में सीमा पार से घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले दो आतंकियों को सेना ने मार गिराया। भारतीय सेना ने साफ़ संदेश दे दिया है कि पठानकोट या बालाकोट के बाद जो हुआ उसे मत भूलना। तुमने एक ऐसे राष्ट्र के क्रोध को भड़काया है जो अहिंसा परमोधर्म पर विश्वास करता है लेकिन जिसे मानवता के शत्रुओं को सबक सिखाना भी आता है। इस बार हम मोमबत्तियां नहीं जलाएंगे, हम प्रतिशोध की लौ जलाएंगे। हम हैशटैग ट्वीट नहीं करेंगे, हम तब तक मुंहतोड़ जवाब देंगे जब तक कि आखिरी आतंकवादी अपनी आखिरी सांस नहीं ले लेता। इस हमले में अपनों को गंवाने वाले और घायलों को परिजनों के आंसू पोंछते हुए गृहमंत्री अमित शाह का दर्द बयां करता है कि सरकार भी देश के हर नागरिक के मन की बात भलीभांति समझ रही है। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम के आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द हर भारतीय को है। इस दुःख को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। मैं अपने इन सभी परिवारों और पूरे देश को विश्वास दिलाता हूँ कि बेगुनाह मासूम लोगों को मारने वाले इन आतंकियों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा।’

पाकिस्तान के नापाक मंसूबे

इस कायराना हरकत ने एक बार फिर ये सवाल उठाया है कि कौन सी बीमार विचारधारा है जो कायरों को निर्दोषों की हत्या करने और इसे ‘मिशन’ कहने का अधिकार देती है? पड़ोसी मुल्क में बैठे दहशतगर्दों के आकाओं के बयान तस्दीक करते हैं कि किस तरह से जाहिल आज भी धर्म के नाम पर इंसानियत का कत्ल करने के घिनौने कृत्य को ‘जन्नत’ नसीब होने का ‘सीधा रास्ता’ मान रहे हैं। पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले से दो महीने पहले ही पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद ने पाकिस्तान के पंजाब स्थित कंगनपुर में एक तकरीर की थी। अपने जिहादी भाषणों में उसने कहा था कि जो लोग भारतीय सैनिकों का कत्ल करेंगे, अल्लाह उन्हें उतना ही शवाब देगा। सैफुल्लाह का ये बयान बताता है कि किस तरह से धर्म की आड़ में पाकिस्तान आतंक की फसल को खाद पानी दे रहा है।

ये सिर्फ़ बेगुनाहों पर हमला नहीं

देश में आज जिस तरह की भावनाओं का ज्वर है उससे आतंकवादियों और उनकी सहायता करने वालों के लिए हर भारतीय का साफ़ संदेश है कि तुमने एक अरब दिलों की आग जला दी है। तुम्हें लगता है कि तुम हमें डरा सकते हो? नहीं। तुमने हमारे संकल्प, हमारे स्वाभिमान, हमारी देशभक्ति, हमारी एकता को ललकारा है। इस संकट की घड़ी में हर भारतीय एकजुट है। इस देश का हर नागरिक सेना के हर बहादुर जवान की वीरता पर विश्वास करता है। हमारी सेना मैदान में कूद पड़ी है। पहले भी सिखाए गए सबक से साफ़ है कि ये नया भारत रहम की भीख नहीं मांगता- जवाबी कार्रवाई करता है। शांति के दुश्मनों को इंसानियत का पाठ पढ़ाने के लिए- भारतीय सेना निकल पड़ी है। ये सिर्फ़ कुछ बेगुनाहों पर हमला नहीं है ये भारत के मूल विचार- शांतिपूर्ण, स्वतंत्रता, एकजुटता पर हमला है जिसका करारा जवाब मिलेगा।

(लेखक के पास मीडिया जगत में लगभग डेढ़ दशक का अनुभव है, वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में काम कर चुके हैं)

 

आगंतुकों: 24916017
आखरी अपडेट: 29th Apr 2025