प्रवासी मतदाताओं के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे उन्हें वोट डालने के लिए अपने राज्य नहीं लौटना होगा। प्रवासी मतदाता जिस शहर या राज्य में काम करते हैं, वहीं से अपने राज्य के चुनाव में वोटिंग कर सकेंगे।
सभी प्रवासी मतदाता कर सकेंगे बैलेट से मतदान
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि सभी प्रवासी मतदाता पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकेंगे। इससे प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए अपने गृह राज्य, नगर जाने की जरूरत नहीं होगी और वे जहां हैं, वहीं से मतदान कर सकेंगे। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के माइग्रेंट वोटर्स भी अपना पोस्टल बैलेट के लिए फॉर्म जमा कर सकते हैं। उसका प्रारूप फार्म 12सी होगा। यदि वे फिजिकली वोट के लिए अनुरोध करते हैं तो उनके लिए फार्म एम होगा।
यह जानकारी चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के माध्यम से उपलब्ध
बता दें कि यह जानकारी माइग्रेंट वोटर्स को उनके चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के माध्यम से उपलब्ध करा दी गई है। प्रवासी मतदाता को वे अभी जहां निवास कर रहे हैं, वहां पर संबंधित ईआरओ कार्यालय में जाकर तीन डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे। पहला डॉक्यूमेंट फार्म एम या फार्म 12सी में से कोई एक। दूसरा जहां पर वर्तमान में निवास कर रहे हैं, वहां का रेजीडेंस प्रूफ और तीसरा रिलीफ कमिश्नर से प्राप्त माइग्रेशन सर्टिफिकेट या अन्य कोई अभिलेख। इन अभिलेखों को जमा करने के उपरांत राज्य के ईआरओ इन आवेदन पत्रों को ऑनलाइन मोड से संबंधित ईआरओ को भेजेंगे, जो जम्मू और कश्मीर राज्य में होंगे। यह सुविधा केवल तीन लोकसभा क्षेत्र श्रीनगर, अनंतनाग और बारामुला के लिए उपलब्ध होगी।
पौड़ी में सबसे अधिक 34845 प्रवासी मतदाता
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में प्रवासी मतदाताओं की कुल संख्या 93 हजार 187 है। इसमें टिहरी लोकसभा से 12862, पौड़ी गढ़वाल से 34845, अल्मोड़ा से 29105, नैनीताल से 10629 एवं हरिद्वार लोकसभा से 5746 सर्विस वोटर चिह्नित किए गए हैं। इनमें 90554 पुरुष और 2633 महिला प्रवासी मतदाता हैं।
अब मतदान के लिए नहीं लौटना होगा घर
गौरतलब है कि रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में रहने वाले घरेलू प्रवासी मतदाताओं को वोट डालने अपने राज्य, शहर, घर लौटना पड़ता है। वोटर नई जगह जाने पर कई वजहों के चलते चुनाव में मतदान करने के लिए अपने घरेलू मतदान केंद्र पर नहीं लौट पाता है।