प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 को वैश्विक खाद्य उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रतिभाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया। जहां पर वैश्विक खाद्य उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान के प्रतिभाशाली लोग एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा कर नए अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। तीन दिवसीय यह मेगा इवेंट 19 से 22 सितंबर 2024 तक चलेगा और इसमें 90 से अधिक देशों के प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय किसानों को देश के खाद्य इकोसिस्टम की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनकी मेहनत से भारत की खाद्य परंपराएं विकसित हुई हैं।
उन्होंने कहा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। खाद्य प्रसंस्करण में शत-प्रतिशत एफडीआई, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकरण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी बहुआयामी पहलों के माध्यम से हम पूरे देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और रोजगार सृजन का एक मजबूत इकोसिस्टम बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने और महिलाओं को सूक्ष्म उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करने की भी बात कही। कार्यक्रम के दौरान वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें 100 से अधिक सीएक्सओ ने भाग लिया। इस सम्मेलन का फोकस निवेश को बढ़ावा देने और कारोबारी सुगमता पर था।
70,000 स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किया गया सीड कैपिटल
इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएलआई योजना और पीएमकेएसवाई योजनाओं के तहत 50 से अधिक इकाइयों का उद्घाटन रहा। इसके साथ ही 25,000 पीएमएफएमई लाभार्थियों को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी और 70,000 स्वयं सहायता समूहों को सीड कैपिटल प्रदान किया गया। स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के तहत अपशिष्ट प्रबंधन, जल के कुशल उपयोग और नवीन खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा 20-21 सितंबर 2024 को वर्ल्ड फूड इंडिया के साथ एक वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर चर्चा होगी, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और वैश्विक खाद्य नियामकों सहित 90 से अधिक देशों के प्रतिभागी शामिल होंगे। 40 से अधिक सत्रों में खाद्य प्रसंस्करण, मशीनरी और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया जाएगा। जापान को साझेदार देश और वियतनाम एवं ईरान को फोकस देश के रूप में चुना गया है।