भारत ने नीदरलैंड के रॉटरडैम में विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 में अपना स्वयं का मंडप स्थापित किया है। भारत मंडप नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है। यह शिखर सम्मेलन के सबसे बड़े मंडपों में से एक है। इसका उद्घाटन 12 मई, 2024 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर एस. भल्ला ने किया था।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर जानकारी दी, भारत ने पहली बार 13 से 15 मई तक रॉटरडैम, नीदरलैंड में आयोजित होने वाले विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 (National Green Hydrogen Mission 2024 ) में अपना स्वयं का मंडप स्थापित किया है। दरअसल भारत ने जनवरी 2023 में 19,744 करोड़ रुपये के समग्र परिव्यय के साथ अपना राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया। बता दें कि देश ने वर्ष 2030 के अंत तक 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 412,000 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण क्षमता की स्थापना के लिए निविदाएं प्रदान की हैं।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए एक पोर्टल (https://nghm.mnre.gov.in/ ) हाल ही में लॉन्च किया गया है, जो मिशन और भारत में हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी के लिए वन-स्टॉप के रूप में काम करेगा।
उल्लेखनीय है, वैश्विक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है। इस शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से लगभग 15,000 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। भारत मंडप, सम्मेलन में भारत के हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में की गई प्रगति को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, रेल मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और निजी क्षेत्र की कंपनियों के मनोनीत व्यक्ति शामिल हैं। विभिन्न G2G मेल-जोल के अलावा, शिखर सम्मेलन भारतीय उद्योग दुनिया भर की कंपनियों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है।