भारत के जल शक्ति मंत्रालय ने मंगलवार को विश्व शौचालय दिवस 2024 पर 3 सप्ताह का ‘हमारा शौचालय हमारा सम्मान’ (एचएसएचएस) नामक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की है। अभियान का समापन 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस पर होगा। इस अभियान में स्वच्छता, मानवाधिकार और सामाजिक प्रतिष्ठा के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर जोर दिया जाएगा। अभियान का उद्देश्य स्वच्छता के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और देश भर में शौचालयों की कार्यक्षमता और सुन्दरता को बढ़ाकर सामुदायिक गौरव की भावना को मजबूत करना है। खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने की स्थिति जारी रखने के प्रयासों को बढ़ावा देना इस बात पर जोर देता है कि स्वच्छता केवल एक बार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और अधिक प्रतिष्ठित भारत के निर्माण की ओर एक सतत यात्रा है।
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी दी गयी है।
अभियान की टैगलाइन “शौचालय संवारे, जीवन निखारें”
इस अभियान की टैगलाइन “शौचालय संवारे, जीवन निखारें” के अनुरूप यह पहल कमजोर समूहों, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों पर मजबूती से ध्यान केंद्रित करने के साथ, शौचालयों के उस महत्व को रेखांकित करती है कि यह बुनियादी ढांचे से ऊपर उठकर सम्मान, समानता और सार्वजनिक स्वास्थ्य की नींव हैं।
स्वच्छता सम्मान और विकास की आधारशिला है
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के सचिव, अशोक केके मीना ने इस अभियान के बारे में बोलते हुए कहा कि इसे समाज के निम्न वर्ग से उच्च वर्ग के स्तर की ओर बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि, “स्वच्छता सम्मान और विकास की आधारशिला है। ‘हमारा शौचालय हमारा सम्मान’ अभियान समुदायों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें ग्राम पंचायत, प्रखंड, जिले और राज्य सहित हर स्तर पर उत्तरदायित्व दिये गये हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक हितधारक स्वच्छता के लिए जरूरी तौर-तरीकों को जारी रखने, गौरवपूर्ण जीवन का निर्माण करने और दीर्घकालिक प्रभाव को आगे बढ़ाने में योगदान दे।”
केंद्र सरकार ने इस अभियान को सफल बनाने की अपील की
जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने सभी से “हमारा शौचालय: हमारा सम्मान” (एचएसएचएस) अभियान को सफल बनाने की अपील की है।
अभियान की प्रमुख गतिविधियाँ
इस अभियान के तहत हर प्रशासनिक स्तर पर सबसे बेहतर तरीके से बनाए गए घरेलू शौचालयों (आईएचएचएल) और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (सीएससी) की पहचान और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यक्रमों में शौचालयों की कार्यक्षमता और सुन्दरता- दोनों में वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों को मान्यता दी जाएगी, जिससे अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसमें समुदायों तक पहुंच महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके लिए रात्रि चौपाल और वाश क्लब जैसी पहल को शामिल किया जाएगा जिनमें सभी लोगों को एक साथ लाया जा सकेगा और बदलाव के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा
विशेष सम्मान शिविरों के माध्यम से सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा, कल्याणकारी कार्यक्रमों में उनका समावेश सुनिश्चित किया जाएगा तथा स्वच्छता बनाए रखने में उनकी भूमिका का सम्मान किया जाएगा।
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा की जाएगी सफलता की कहानियां
यही नहीं नागरिकों को हैशटैग #ToiletsForDignity और #MyToiletMyPride का उपयोग करके MyGov सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से स्वच्छता से जुड़ी सफलता की अपनी कहानियों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसमें शासन के सभी स्तरों से भागीदारी होगी
इसके अतिरिक्त इसमें शासन के सभी स्तरों से भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री और राज्य मंत्री राज्य स्तरीय कार्यक्रमों का नेतृत्व करेंगे, जबकि जिला मजिस्ट्रेट और निर्वाचित प्रतिनिधि जिला स्तरीय कार्यक्रमों की देखरेख करेंगे।