प्रतिक्रिया | Wednesday, January 22, 2025

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ईयर एंडर : 2024 में भारत ने खेलों में हासिल की बड़ी उपलब्धियां, पीएम मोदी के प्रयासों का रहा बड़ा योगदान 

साल 2024 ने भारत के वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उदय को मजबूत किया है। इस साल खेल के विभिन्न क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धियों से इसका पता चलता है। पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में निरंतर प्रयासों के बाद भारत ने वैश्विक खेल इवेंट में खुद की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। खेलो इंडिया जैसी ऐतिहासिक पहल जमीनी स्तर की प्रतिभाओं को पोषित करती हैं, तो टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स), एलीट एथलीटों को विश्व स्तरीय सुविधाएं और समर्थन प्रदान करती हैं। 

‘खेलो इंडिया’ का उद्देश्य देश में खेल की उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है

‘खेलो इंडिया’ योजना का उद्देश्य पूरे देश में खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है। 119 मिलियन डॉलर के वार्षिक बजट के साथ, यह योजना जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान और विकास को कवर करती है, और हर साल 2,700 से अधिक बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। वास्तव में, हांग्जो में आयोजित हुए एशियाई खेलों में भाग लेने वाले 124 भारतीय एथलीट खेलो इंडिया के थे, और उन्होंने 106 पदकों में से 42 पदक जीतकर योगदान दिया। वहीं, ‘खेलो इंडिया महिला लीग’ का नाम बदलकर ‘अस्मिता महिला लीग’ कर दिया गया। 2021 से अब तक अस्मिता के लगभग चार सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 20 खेलों में कुल 83,615 महिलाओं की भागीदारी देखी गई है।

खेलो इंडिया स्कीम का भी रहा है बड़ा योगदान 

खेलो इंडिया स्कीम के तहत कुल 2,781 एथलीटों की पहचान की गई और उन्हें व्यापक समर्थन प्रदान किया जा रहा है, जिसमें विशेषज्ञ कोचिंग, उपकरण, चिकित्सा देखभाल और मासिक भत्ता शामिल है। ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स)’ एथलीटों को ओलंपिक और अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में सहायता करती है। विशेष रूप से, पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 117 एथलीटों में से 28 खेलो इंडिया के एथलीट थे। इसी प्रकार, 18 खेलो इंडिया एथलीटों वाली भारत की पैरालंपिक टीम ने इन खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 29 पदक जीते जिसमें 7 गोल्ड मेडल थे।

इसी वजह से हाल के वर्षों की उल्लेखनीय उपलब्धियां खास हैं। जैसे कि भारत ने 2023 के एशियाई खेलों में रिकॉर्ड 107 पदक जीते, कई चैंपियनशिप और ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के शानदार प्रदर्शन, फिट इंडिया मोमेंट और विभिन्न खेलो इंडिया गेम्स के संस्करण भारतीय खेलों के इस स्वर्ण युग की ओर निरंतर प्रगति को रेखांकित करते हैं। इसी वजह से खेल एक सम्मानित करियर विकल्प बन गए हैं, जो लाखों युवा भारतीयों को अपने एथलेटिक सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करते हैं।

खिलाड़ियों का प्रधानमंत्री मोदी करते हैं विभिन्न मंचों से उत्साहवर्धन

वहीं, पीएम मोदी व्यक्तिगत तौर पर भी लगातार खिलाड़ियों का विभिन्न मंचों पर उत्साहवर्धन करते रहे हैं। चाहे ओलंपिक हो या नेशनल गेम्स, खिलाड़ियों को हमेशा अपने पीएम को सहयोग मिला है। साल 2024 में पेरिस ओलंपिक के बाद पीएम मोदी ने पदक विजेताओं के साथ उन खिलाड़ियों की भी तारीफ की जो पदक के बेहद करीब आकर चूक गए। पीएम ने जोर दिया कि हर खिलाड़ी की यात्रा देश की खेल विरासत में अहम योगदान दे रही है। पेरिस ओलंपिक के पहले पीएम मोदी ने पूरे भारतीय दल को प्रेरित करते हुए उन्हें गर्मजोशी से शुभकामनाएं दी थी।

ओलंपिक और पैरालंपिक प्रतियोगिता के समापन के बाद पीएम मोदी ने सभी खिलाड़ियों को अपने आवास पर निमंत्रण दिया था जहां उन्होंने खिलाड़ियों के अपने क्षेत्रों में प्रयासों की सराहना की थी। पैरा-ओलंपियन योगेश कथुनिया ने ‘पीएम’ को ‘परम मित्र’ कहा था क्योंकि वह इसी तरह से देश के खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हैं।

एथलीट नीरज चोपड़ा की खेल यात्रा में उनकी मां के योगदान को भी पीएम ने सराहा 

स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के साथ भी एक मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने उनकी मां का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि कैसे वह नीरज की ओलंपिक में जीत के बाद उनकी मां के हाथ के लड्डू का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। खिलाड़ियों के साथ इस व्यक्तिगत स्पर्श ने न केवल पीएम मोदी की गर्मजोशी को प्रदर्शित किया बल्कि एक एथलीट की यात्रा में परिवार के समर्थन के महत्व को भी उजागर किया।

ऐसे ही जब शतरंज स्टार वंतिका अग्रवाल से एक विशेष उपहार मिलने पर पीएम मोदी भावुक हो गए थे। वांतिका ने उन्हें 2012 में ‘स्वामी विवेकानंद महिला शतरंज महोत्सव’ की एक अनमोल तस्वीर भेंट की, जहां गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी उन्हें पुरस्कार दे रहे थे।

एथलीटों के साथ है पीएम माेदी का व्यक्तिगत जुड़ाव

ऐसे अनगिनत क्षण हैं जो पीएम मोदी के एथलीटों के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव को उजागर करते हैं, उन्हें प्रेरित करते हैं, उन्हें मूल्यवान महसूस कराते हैं और उन्हें राष्ट्र के लिए जीत के लिए प्रेरित करते हैं। 2036 में भारत में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, भारतीय ओलंपिक संघ ने आधिकारिक तौर पर देश की रुचि व्यक्त की है। नवंबर में, भारतीय ओलंपिक संघ ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को एक इंटेंट लेटर प्रस्तुत किया, जिससे इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के लिए भारत की औपचारिक बोली लगाई जा चुकी है। (इनपुट-आईएएनएस)

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आखरी अपडेट: 22nd Jan 2025