महाराष्ट्र से जीका वायरस के कुछ मामलों के सामने आने के बाद केंद्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एक परामर्श जारी किया है। दरअसल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र में जीका वायरस के आठ मामलों की पुष्टि की है। इसी के मद्देनजर देश में जीका वायरस की स्थिति पर निरंतर सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई है। साथ ही राज्यों से जीका वायरस संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच और जीका के लिए संक्रमित गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी के माध्यम से निरंतर सतर्कता बनाए रखने का आग्रह किया गया।
अस्पताल परिसर को एडीज मच्छर मुक्त रखे
चूंकि जीका वायरस प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफली और न्यूरोलॉजिकल परिणामों से जुड़ा है, इसलिए राज्यों को करीबी निगरानी के लिए चिकित्सकों को सचेत करने की सलाह दी गई है। राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस संक्रमण की जांच कराएं। जीका वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी रखी जाए और केंद्र सरकार के अनुसार कार्य किया जाए। राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अस्पताल परिसर को एडीज मच्छर मुक्त रखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
जीका वायरस के मामले लक्षणहीन
राज्यों को आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में एंटोमोलॉजिकल निगरानी को मजबूत करने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों को तेज करने के महत्व पर जोर दिया गया है। राज्यों से समुदाय के बीच डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया गया है। जीका किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह है जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं। हालांकि, इसे माइक्रोसेफली से जुड़ा हुआ बताया जाता है, लेकिन 2016 के बाद से देश में जीका से जुड़े माइक्रोसेफली की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
गर्भवती का करना होगा बचाव
जीका, डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एक एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है। यह एक गैर घातक बीमारी है। हालांकि, जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) से जुड़ा है जो एक बड़ी चिंता का विषय है। भारत ने 2016 में गुजरात राज्य से पहला जीका मामला दर्ज किया था। तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं। दो जुलाई तक महाराष्ट्र में पुणे (6), कोल्हापुर (1) और संगमनेर (1) से आठ मामले सामने आए हैं।
क्या है जीका वायरस और इसके संक्रमण
जीका, डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है। यह एक गैर-घातक बीमारी है। हालांकि, जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) से जुड़ा है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है। भारत में 2016 में गुजरात राज्य से जीका का पहला मामला सामने आया था। तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों ने बाद में मामले दर्ज किए हैं। 2024 में (2 जुलाई तक), महाराष्ट्र ने पुणे (6), कोल्हापुर (1) और संगमनेर (1) से आठ मामले दर्ज किए हैं।
यहां करा सकते हैं जीका वायरस संक्रमण के लिए टेस्ट
जीका परीक्षण सुविधा राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), पुणे; राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), दिल्ली और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की कुछ चुनिंदा वायरस अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है। उच्च स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
पहले जारी कई गई थी एडवाइजरी
बता दें कि डीजीएचएस ने इस साल की शुरुआत में 26 अप्रैल को एक एडवाइजरी भी जारी की थी और एनसीवीबीडीसी के निदेशक ने फरवरी और अप्रैल, 2024 में दो एडवाइजरी जारी की हैं ताकि राज्यों को एक ही वेक्टर मच्छर द्वारा प्रसारित जीका, डेंगू और चिकनगुनिया के बारे में पहले से चेतावनी दी जा सके।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।