प्रतिक्रिया | Wednesday, September 18, 2024

11/01/24 | 8:24 pm

अटल पेंशन योजना , सामाजिक सुरक्षा को समर्पित एक लोककल्याणकारी योजना

हाल ही में  जारी आंकड़ों के अनुसार भारत सरकार की अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अब तक 6 करोड़ से अधिक लाभार्थी जुड़ चुके हैं ।  जबकि चालू वित्त वर्ष में इस योजना से 79 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं । इसका तात्पर्य है कि अटल पेंशन योजना 
से लोग बहुत तेजी से जुड़ रहे हैं।समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने में यह बड़ी उपलब्धि है।

वास्तव में अटल पेंशन योजना
 भारत के नागरिकों के लिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित एक पेंशन योजना है। इसके के तहत, 60 साल की उम्र में 1,000/- या 2,000/- या 3000/- या 4000 या 5000/- प्रति माह रुपये की न्यूनतम पेंशन की गारंटी ,ग्राहकों द्वारा किए गए योगदान के आधार पर दिया जाएगा। भारत का कोई भी नागरिक इस योजना  में निर्धारित योग्यता के साथ शामिल हो सकता है।

ध्यातव्य है कि  साल  2015 में  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों को वृद्धावस्था में  आय की सुरक्षा देने और 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की थी। इस योजना में पेंशन की राशि लाभार्थियों के द्वारा किए गए निवेश एवं उनकी आयु को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती है। इसके अलावा असामयिक मृत्यु की दशा में लाभार्थी के परिवार को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है।

इस योजना  की प्रक्रिया भी बहुत सरल है।पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने हाल ही में योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अनेक प्रयास किए हैं । जिसके तहत हिंदी, अंग्रेजी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में एक पेज का सरल एपीवाई फ़्लायर/हैंडआउट जारी करना शामिल है।

यह योजना लोगों को एक मासिक आय प्रदान करती है। विशेषकर जब वे कमाई नहीं कर रहे होते हैं। ध्यातव्य है कि उम्र बढ़ने के  बाद कमाई  करने क्षमता कम हो जाती है। जबकि जीवन यापन की लागत बनी रहती है। ऐसे में इस योजना  से मासिक आय द्वारा बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित होता है।

 

 

 

– दीपक दुबे

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आखरी अपडेट: 18th Sep 2024