प्रतिक्रिया | Sunday, February 09, 2025

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12/11/23 | 10:32 am

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उत्तर भारत का ‘पावर हब’ के रूप में उभरेगा जम्मू कश्मीर का किश्तवाड़ : जितेंद्र सिंह

केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने विगत शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ उत्तर भारत का “पावर हब” बनाने लिए तैयार किया जा रहा है। लगभग 6,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की परियोजना का कार्य अपने प्रगति पर है, केंद्रीय मंत्री ने इसे जल्द ही पूरा होने की सम्भावना जताई है। जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ जिले में गुलाबगढ़ और मस्सू के सुदूर गांवों का दौरा किया,जहां उन्होंने “शिक्षा भारती” द्वारा स्थापित नए स्कूल का भी उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री गुलाबगढ़ गांव में भारतीय सेना द्वारा आयोजित मल्टी स्पेशलिटी मेडिकल कैंप में भी भाग लिया।

जलविद्युत परियोजनाओं को मिला बढावा 

केंद्रीय मंत्री ने गुलाबगढ़ में जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में जनसंवाद किया। उन्होंने बीडीसी सदस्यों, पार्षदों, सरपंचों के साथ-साथ क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं को संबोधित कर बताया कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद संभाला है, तब से 9 से 10 साल की छोटी सी अवधि में इस क्षेत्र में 6 से 7 प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं शुरू की गईं हैं।

उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी परियोजना 1,000 मेगावाट की क्षमता वाली पाकल दुल है।”अभी इसकी अनुमानित लागत 8,112.12 करोड़ रुपये है। अन्य प्रमुख परियोजनाओं में 624 मेगावाट की क्षमता वाली किरू जलविद्युत परियोजना है। परियोजना की अनुमानित लागत 4,285.59 करोड़ रुपये है, 2025 में बनकर तैयार होने की उम्मीद है।मंत्री ने बताया कि 850 मेगावाट की रतले परियोजना को केंद्र और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बीच एक संयुक्त प्रयास से पुनर्जीवित किया गया है। इसके अलावा, मौजूदा दुलहस्ती पावर स्टेशन की स्थापित क्षमता 390 मेगावाट है। 

जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल बिजली आपूर्ति की स्थिति में वृद्धि करेंगी, जिससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बिजली आपूर्ति की कमी पूरी होगी बल्कि प्रत्यक्ष निवेश और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।

कनेक्टिविटी पर जोर 

जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले, किश्तवाड़ तक सड़क से यात्रा करना जोखिम भरा था और भूस्खलन की स्थिति में डोडा-किश्तवाड़ सड़क मार्ग बाधित हो जाता था। परंतु अब जम्मू से किश्तवाड़ तक सड़क यात्रा का समय 2014 में 7 घंटे से घटकर अब पांच घंटे से भी कम हो गया है। इसी तरह उन्होंने कहा, इन 9 वर्षों के दौरान, किश्तवाड़ भारत के विमानन भारत के मानचित्र पर आ गया है,केंद्र की उड़ान योजना के तहत एक हवाई अड्डे को मंजूरी दी गई है। जितेन्द्र सिंह ने कहा, “खिलानी-सुधमहादेव राजमार्ग, डिग्री कॉलेजों की एक श्रृंखला, मचैल यात्रा के रास्ते में मोबाइल टावर और अन्य दूरदराज के इलाकों सहित तीन नए राष्ट्रीय राजमार्ग भी वर्तमान केंद्र सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है।

चिकित्सा शिविरों का आयोजन 

इसी बीच, गुलाबगढ़ में सेना द्वारा आयोजित बहु-विशिष्ट चिकित्सा शिविर में लगभग 2,000 रोगियों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई। शिविर के लिए पंजीकृत सभी ग्रामीणों को जनरल ओपीडी में ले जाया गया, जहां एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, माइग्रेन, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस और पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस के मामलों का चिकित्सा विशेषज्ञ ने रोगियों को परामर्श और उपचार प्रदान किया।केंद्रीय मंत्री ने इस सुदूर पहाड़ी ग्रामीण इलाके में बेहद जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सेना और मेजर जनरल शिवेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली टीम को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोग सेना के बहुत आभारी हैं, जो आतंकवाद के समय में उनके साथ खड़े रहे और शांति के समय में भी उनकी सेवा के लिए आगे आए।

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आखरी अपडेट: 9th Feb 2025