प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

26/09/23 | 12:33 pm

एकलव्य विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आदिवासी छात्रों का भी होगा चहुंमुखी विकास

भारत के दूरदराज के पिछड़े आदिवासी इलाकों की तस्वीर जल्द बदलने वाली है। अब वह दिन दूर नहीं जब आदिवासी बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का प्रशिक्षण पाकर अपने इलाकों की दशा-दिशा सुधारेंगे। 

भारत में 10 करोड़ से अधिक की जनजातीय आबादी

भारत में 10 करोड़ से अधिक की जनजातीय आबादी है, जो कई मामलों में अभी भी आधुनिक शिक्षा तक पहुंचने के लिए भाषा और सांस्कृतिक बाधाओं का सामना करती है। शिक्षण में इन बाधाओं को दूर करने से जनजातीय छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सरकार की यह पहल काफी मददगार साबित होगी। खासतौर से भारत में जनजातीय समुदायों के लिए, उनकी स्थानीय भाषाओं में शिक्षकों की क्षमता निर्माण, उन्हें बहुत उन्नत तरीके से पाठ्यक्रम प्रदान करने और जनजातीय छात्रों को तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करने में सशक्त बनाएगी। 

54 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में AI पाठ्यक्रम शुरू 

जी हां, इन इलाकों में रहने वाले आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार 54 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में पायलट मोड में सीबीएसई की कौशल शिक्षा के साथ संरेखित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पाठ्यक्रम का दूसरा चरण शुरू कर दिया गया है। दूसरे चरण में एडवांस्ड ब्लॉक प्रोग्रामिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम शामिल होगा। इस संबंध में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, इस पहल में जनजातीय समुदायों के बीच मौजूद शैक्षणिक अंतर को पाटने, उभरती प्रौद्योगिकियों में उनके सफल करियर को सुनिश्चित करने की क्षमता है।

6 राज्यों में प्रोग्राम शुरू

बता दें पिछले वर्ष के कार्यान्वयन के उत्साहजनक परिणामों के आधार पर इस बार आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना सहित छह राज्यों में ईएमआरएस स्कूलों में आदिवासी छात्रों के लिए यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। एनईएसटीएस के अनुसार पिछले साल अमेज़ॅन इंडिया और लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन (एलएलएफ) के सहयोग से शुरू किए गए पायलट चरण में कक्षा छह से आठ तक के 7,000 से अधिक छात्रों को कंप्यूटर साइंस और ब्लॉक प्रोग्रामिंग मॉड्यूल के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रशिक्षित किया गया था, जबकि इस साल एआई पाठ्यक्रम में 8वीं कक्षा के छात्रों को एआई का परिचय दिया जाएगा। वहीं कक्षा 9वीं के छात्रों को एआई के बुनियादी सिद्धांत सिखाए जाएंगे जबकि ग्रेड 10 के लिए, सीबीएसई कौशल पाठ्यक्रम के साथ संरेखित एआई मॉड्यूल 2024-25 से शुरू होने वाले अगले शैक्षणिक सत्र से पेश किया जाएगा।

'अमेज़ॅन फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम' का दूसरा चरण शुरू 

यह विवरण सोमवार को जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटीएस) ने साझा किया। इसी के साथ एनईएसटीएस ने 54 ईएमआरएस में 'अमेज़ॅन फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम' के दूसरे चरण के शुभारंभ की घोषणा भी की जिसमें बताया गया कि इसके जरिए छात्रों को उन्नत ब्लॉक प्रोग्रामिंग और एआई सिखाया जाएगा। यह कोडिंग, लॉजिकल सीक्वेंसिंग, लर्निंग लूप्स और ब्लॉक प्रोग्रामिंग में मौजूदा पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त होगा।

मजबूत कौशल सेट का होगा निर्माण

महज इतना ही नहीं, ये सुनिश्चित करने के लिए कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) पर ध्यान केंद्रित किया जाए, छठी कक्षा के छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को पढ़ाया जाएगा। वहीं सातवीं कक्षा को दृश्य प्रोग्रामिंग की उन्नत अवधारणाओं से परिचित कराया जाएगा ताकि वे एआई के संपर्क में आएं। ऐसा कर 8वीं कक्षा और उसके बाद के पाठ्यक्रम में एक मजबूत कौशल सेट का निर्माण किया जा सकता है। 

दिल्ली में शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए, जनजातीय मामलों के सचिव, अनिल कुमार झा ने कहा, “शिक्षण में इन बाधाओं को दूर करने से सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अपनी स्थानीय भाषाओं में शिक्षकों का क्षमता निर्माण उन्हें बेहतर तरीके से पाठ्यक्रम प्रदान करने और आदिवासी छात्रों को तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करने में सशक्त बनाएगा।

जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा 

सोसायटी (एनईएसटीएस) ज्ञात हो, एनईएसटीएस की स्थापना एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) की स्थापना के माध्यम से आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। ईएमआरएस आवासीय व्यवस्था में अनुसूचित जनजाति के बच्चों को छठी से बारहवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं।

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आखरी अपडेट: 27th Jul 2024