प्रतिक्रिया | Thursday, October 10, 2024

20/11/23 | 4:30 pm

एक स्टेशन एक उत्पाद: ‘वोकल फॉर लोकल’ विजन को बढ़ावा, पश्चिम रेलवे ने 49.58 करोड़ की बिक्री

 

'वोकल फॉर लोकल' विजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रेलवे ने 'एक स्टेशन एक उत्पाद' (ओएसओपी) योजना शुरू की। पश्चिम रेलवे के 83 स्टेशनों पर 86 एक स्टेशन एक उत्पाद आउटलेट हैं, जिनमें से 51 आउटलेट गुजरात राज्य में हैं। वहीं भारतीय रेल के कुल 1037 स्टेशनों पर 1134 एक स्टेशन एक उत्पाद आउटलेट चालू हैं। योजना शुरू होने के करीब डेढ़ साल में पश्चिम रेलवे के 86 आउटलेट पर कुल 49.58 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई है।

 

क्या है 'एक स्टेशन एक उत्पाद

'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना का उद्देश्य स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के साथ समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करना है। योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर स्वदेशी/स्थानीय उत्पादों के प्रदर्शन, बिक्री और हाई विजिबिलिटी के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद आउटलेट आवंटित किए जाते हैं।

 

गुजरात में 48 स्टेशनों पर 51 एक स्टेशन एक उत्पाद आउटलेट

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार 'एक स्टेशन एक उत्पाद' उस स्थान के लिए विशिष्ट होते हैं और इसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियाँ, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी, चिकनकारी और कपड़ों पर जरी-जरदोजी जैसे हस्तशिल्प, मसाले, चाय, कॉफी और अन्य प्रसंस्कृत/अर्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ/उत्पाद जो उस क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाए जाते हैं आदि शामिल हैं। गुजरात में बांस से बने हस्तशिल्प उत्पाद, मिरर वर्क की वॉल हैंगिंग, कलाकृतियां और वारली पेंटिंग; पारंपरिक हथकरघा उत्पाद जैसे हाथ से मुद्रित साड़ियां, पोशाक सामग्री, कढ़ाई का काम; नकली गहने; चमड़े के उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे अचार, मसाला पाउडर, सूखे मेवे और यहां तक कि कच्चा शहद भी प्रसिद्ध हैं और उन्हें ऐसे आउटलेट में बिक्री के लिए रखे जाते हैं। वर्तमान में, गुजरात राज्य में 48 स्टेशनों पर 51 एक स्टेशन एक उत्पाद आउटलेट उपलब्ध कराए गए हैं।

 

बजट 2022-23 में एक स्टेशन एक उत्पाद घोषणा

उन्होंने बताया कि केंद्रीय बजट 2022-23 में एक स्टेशन एक उत्पाद (ओएसओपी) योजना की घोषणा की गई थी। पायलट प्रोजेक्ट 25 मार्च, 2022 को 19 स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए लॉन्च किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट से प्राप्त अनुभव के आधार पर रेल मंत्रालय 20 मई, 2022 को एक स्टेशन एक उत्पाद नीति जारी की गई थी।

 

कुल 49.58 करोड़ रुपये की बिक्री

गौरतलब हो कि इन दुकानों ने इन विक्रेताओं के जीवन पर बहुत प्रभाव डाला है। उन्हें ऐसी जगह पर अपने स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक शानदार मंच मिल गया है, जहां भारी संख्या में लोग आते हैं। इससे उनके उत्पादों की बिक्री बढ़ी है और उनके जीवन में बदलाव आया है। 

योजना शुरू होने के बाद अब तक पश्चिम रेलवे के 83 स्टेशनों के कुल 86 आउटलेट पर कुल 39,847 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने योजना के तहत दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठाया है। प्रति आवंटन 5 की दर से अप्रत्यक्ष लाभार्थियों को मानते हुए कुल लाभार्थी 1,43,232 हैं। कुल 49.58 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई है।

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आखरी अपडेट: 10th Oct 2024