पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह (ECSWG) तथा पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों की चौथी बैठक आज (बुधवार) 26 जुलाई 2023 को चेन्नई में शुरू हुई। तीन दिन की इस बैठक में G20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के करीब 300 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक में परिणाम और अध्यक्षता दस्तावेज को अंतिम रूप देने पर विचार किया जा रहा है।
ECSWG की इस बैठक में तीन प्रमुख क्षेत्रों पर होगा विचार-विमर्श
ECSWG की इस बैठक में तीन प्रमुख क्षेत्रों- भूमि बहाली, चक्रीय अर्थव्यवस्था और नीली अर्थव्यवस्था – पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श होगा। बैठक के पहले दिन दो समानांतर सत्र निर्धारित किए गए हैं। इन सत्रों में पर्यावरण और जलवायु से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सहयोगात्मक और समावेशी चर्चा होगी।
कार्यक्रम स्थल पर 15 पवेलियन
कार्यक्रम स्थल पर 15 पवेलियन लगाए गए हैं। प्रत्येक मंडप में बैठक के मुख्य विषय से जुड़ी विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों को दर्शाया गया है। एक पवेलियन में लाइफ कार्यक्रम के प्रमुख बिंदुओं और दूसरे मंडप में प्रोजेक्ट टाइगर और विशेष प्रजातियों को संरक्षण देने के प्रयास से जुड़े विषयों को दिखाया गया है। शेष 13 पवेलियनों में हस्तकला, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्र तथा अन्य विषयों से जुड़ी घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है।
पिछली तीन बैठकों में हुई व्यापक चर्चा
पिछली तीन बैठकें और वर्चुअल सत्र इस वर्ष मई, जून और जुलाई में हुई थी जिसमें भारत की अध्यक्षता में तीन विषयों पर व्यापक चर्चा हुई थी। अब चौथी बैठक में पर्यावरण और जलवायु के दो व्यापक विषयों के अंतर्गत परिणाम दस्तावेजों पर आगे विचार-विमर्श होना निर्धारित है।
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत ECSWG का लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि भारत की G20 अध्यक्षता के तहत पर्यावरण एवं जलवायु स्थिरता समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) का लक्ष्य महासागरों के स्थायी प्रबंधन व समुद्री जैव विविधता के संरक्षण के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित करने के उद्देश्य से G20 देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। बैठकों में लगातार वैश्विक प्रयासों और वर्तमान परिदृश्य को समझ कर आगे बढ़ने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने की अटूट प्रतिबद्धता
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत, पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह ने पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रति एक अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है, जो महत्वाकांक्षी और निर्णायक तरीके से जलवायु और पर्यावरण के परस्पर जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। ऐसे में सभी की निगाहें इस कार्य समूह की अंतिम बैठक पर टिकी हैं क्योंकि प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति महत्वपूर्ण पर्यावरण और जलवायु मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए इस बैठक में एकत्र हुए हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत की G20 अध्यक्षता के तहत और विशेष रूप से ईसीएसडब्ल्यूजी समस्याओं के साथ-साथ हमें प्रभावित करने वाले पर्यावरण संबंधी मुद्दों के समाधान पर भी विचार होगा।