प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6-7 जनवरी को राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र,जयपुर में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के चल रहे अखिल भारतीय सम्मेलन 2023 में भाग लेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में भाग लेकर सम्बोधित भी करेंगे। बता दें कि इससे पहले बीते शुक्रवार को 58वें राष्ट्रीय पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक सम्मेलन 2023 का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया। तीन दिवसीय यह सम्मेलन जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक के साथ केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों की उपस्थिति रही ,जबकि देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सम्मेलन में भाग लिया।
सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अधिकारियों को उल्लेखनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से नवाजा, वहीं तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों को ट्रॉफी भी प्रदान की। गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्र की सेवा में समर्पित सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
अमृतकाल में हुए दो महत्वपूर्ण बदलाव
2023 को अमृतकाल के रूप में याद करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 2023 में दो महत्वपूर्ण विकास हुए जिसमें नई शिक्षा नीति का निर्माण और ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस नए कानून में सजा से न्याय प्रदान करने पर जोर दिया गया है। गृहमंत्री ने इन कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) स्तर तक व्यापक प्रशिक्षण और स्थानीय पुलिस स्टेशनों से पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) तक तकनीकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
गृहमंत्री ने कहा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सम्मेलन की भूमिका महत्वपूर्ण
उन्होंने देश की सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार की ओर इशारा करते हुए कहा कि विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में भारी कमी आई है । गृहमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में एक 'थिंक टैंक' के रूप में विकसित हुआ है। सम्मेलन के दौरान उन्होंने 'निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों के निर्माण देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल में एकरूपता की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
गृहमंत्री अमित शाह ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के एजेंडे में सीमा सुरक्षा,साइबर-खतरे, कट्टरपंथ, धोखाधड़ी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उभरने वाले खतरे जैसे विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों को चर्चा में शामिल किया गया है।