जापान के इशिकावा क्षेत्र में सोमवार, 1 जनवरी 2024 को भीषण भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस बीच, जापान ने देश में भूकंप के कई बड़े झटकों के बाद जारी सुनामी की उच्चतम चेतावनी वापस ले ली है, लेकिन घातक लहरें उठने की आशंका के कारण तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को अभी घरों में वापस न लौटने की सलाह दी है।
लोगों को अभी घरों में वापस न लौटने की सलाह
जानकारी के मुताबिक सोमवार को मध्य जापान में भूकंप के भीषण झटकों के बाद एक मीटर से अधिक ऊंची सुनामी लहरें उठी, जिससे घर और राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। इसके पश्चात् प्रशासन ने लोगों से ऊंची जगहों पर जाने की अपील की। अमरीकी भू-गर्भ सर्वेक्षण विभाग के अनुसार इशिकावा प्रान्त के नोटो क्षेत्र में शाम करीब 4 बजकर 10 मिनट पर 7.6 की तीव्रता का ज़बरदस्त भूकंप आया।
डेढ़ घंटे में जापान के मध्य क्षेत्र में चार और उससे अधिक तीव्रता के भूकंप के 21 झटके
जापान की मौसम एजेंसी ने कहा कि केवल डेढ़ घंटे से अधिक समय में जापान के मध्य क्षेत्र में चार और उससे अधिक तीव्रता के भूकंप के 21 झटके आए। जापान सरकार ने कहा कि नौ प्रान्तों में 97 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं।
भारतीय दूतावास ने आपातकालीन नियंत्रण कक्ष किया स्थापित
इस बीच जापान में भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन फोन नंबर और ई-मेल आईडी जारी किए हैं, जो इस प्रकार हैः 81-80-3930-1715, 81-70-1492-0049, 81-80-3214-4734, 81-80-6229-5382, और 81-80-3214-4722। ई-मेल आईडी हैः sscons.tokyo@mea.gov.in, और offffseco.tokyo@mea.gov.in .
इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय दूतावास वहां के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। उसने लोगों से स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को कहा है।
भूकंप के कारण जापान में बनी यह स्थिति
गौरतलब हो, जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा के समुद्र तटीय क्षेत्र और आसपास के प्रांतों में एक दर्जन से अधिक भूकंप आने की सूचना दी, जिनमें से सबसे अधिक 7.6 तीव्रता वाला भूकंप था। भूकंप के कारण जापान के मुख्य द्वीप होंशू के पश्चिमी तट पर आग लग गई और कई इमारतें ढह गईं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग हताहत हुए होंगे। वहीं सरकार के प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने इस संबंध में बताया कि भूकंप से कम से कम छह घर क्षतिग्रस्त हो गए और लोग अंदर फंस गए। उन्होंने कहा कि इशिकावा प्रान्त के वाजिमा शहर में आग लगने से 30,000 से अधिक घरों की बिजली गुल हो गई।
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने जारी की थी यह चेतावनी
मौसम विज्ञान एजेंसी ने प्रारंभ में इशिकावा के लिए बड़ी सुनामी चेतावनी तथा होंशु द्वीप के बाकी पश्चिमी तट एवं होक्कैडो के सुदूर उतरी क्षेत्र के लिए निम्न स्तरीय सुनामी चेतावनी या परामर्श जारी किया था।
बाद में चेतावनी को नियमित सुनामी में बदला गया
कई घंटों बाद चेतावनी को नियमित सुनामी में बदल दिया गया, जिसका अर्थ है कि पानी अब तीन मीटर (10 फुट) तक पहुंच सकता है। इसमें कहा गया कि अगले कुछ दिनों में और झटके आ सकते हैं। इसे पहले जापान के सरकारी प्रसारणकर्ता ‘एनएचके टीवी’ ने चेतावनी दी थी कि समुद्र में पांच मीटर तक लहरें उठ सकती हैं। एनएचके टीवी के मुताबिक, आशंका है कि सुनामी की लहरें लौटती रहेंगी तथा प्रारंभिक अलर्ट के बाद चेतावनी जारी की जाती रही। इस क्षेत्र में कई बाद के झटके महसूस किए गए।
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में परमाणु संयंत्रों की क्या है स्थिति ?
जापान सरकार के प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने संवाददाताओं को बताया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में स्थित परमाणु संयंत्रों को किसी तरह का नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं है। उन्होंने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हर एक मिनट अहम है। कृपया तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।’’
जापान सरकार ने उठाए जरूरी कदम
वहीं, दक्षिण कोरिया में मौसम एजेंसी ने कुछ पूर्वी तटीय शहरों के निवासियों से समुद्र के स्तर में संभावित बदलावों पर नजर रखने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने भूकंप और सुनामी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक विशेष आपातकालीन केंद्र स्थापित किया है।