उग्रवादी संगठन युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) ने बीते शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकारों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र और असम सरकार के साथ शांति के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
पूर्वोत्तर के शांति और विकास के लिए अभूतपूर्व कदम
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांतिपूर्ण, समृद्ध और उग्रवाद मुक्त पूर्वोत्तर के विकास के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते के द्वारा असम में स्थायी शांति, समृद्धि और सर्वांगीण विकास लाने का प्रयास होगा, जो लंबे समय तक हिंसा की चपेट में रहा है।
इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बनी सहमति
समझौते के दौरान उल्फा के प्रतिनिधियों ने हिंसा का रास्ता त्यागने और सशस्त्र संगठन को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही हथियारों और गोला-बारूदों के साथ आत्मसमर्पण, कब्जे वाले शिविरों को खाली करना और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने जैसे अहम मुद्दे पर सहमति बनी। इसी बीच केंद्र सरकार ने असम के सर्वांगीण विकास के लिए एक व्यापक पैकेज और परियोजनाओं के लिए वादा किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय ने उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त पूर्वोत्तर की दिशा में काफी प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा पिछले पांच वर्षों के प्रयासों के परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों के साथ नौ शांति और सीमा-संबंधी समझौते हुए हैं, जिससे क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से में शांति और विकास को बढ़ावा मिला है।गृहमंत्री अमित शाह ने कहा वर्तमान केंद्र की सरकार के प्रयासों से असम में हिंसक घटनाओं में 87%, मौतों में 90% और अपहरण में 84% की कमी आई है। 9000 से अधिक कैडरों ने आत्मसमर्पण कर दिया है,और असम के 85% हिस्से से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्फा) हटा लिया गया है।
पूर्वोत्तर में शांति बहाली के लिए सरकार ने अब तक कई समझौते किए
बता दें कि पूर्वोत्तर भारत में केंद्र सरकार ने शांति बहाली के कई समझौते किए हैं, जिसमें उल्फा के समझौता नवीनतम है। अन्य समझौतों में 2019 में एनएलएफटी, 2020 में ब्रू और बोडो, 2021 में कार्बी, 2022 में आदिवासी और असम-मेघालय और असम-अरुणाचल सीमा समझौते शामिल हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि असम के लिए स्वर्णिम दिन है,जोकि पूर्वोत्तर और असम में शांति की स्थापना का प्रतीक है। उल्फा संघर्ष के समाधान से क्षेत्र में समृद्धि और विकास के मार्ग की ओर अग्रसर होने की उम्मीद है।