नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को राजमुंदरी हवाई अड्डे पर 350 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित नए टर्मिनल की आधारशिला रखी। यह टर्मिनल करीब 17,029 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बनने वाला है। भीड़भाड़ के समय यह टर्मिनल अधिकतम 2,100 यात्रियों को संभाल सकता है। इस टर्मिनल की सालाना क्षमता 30 लाख यात्रियों की है। इस मौके पर जनसमूह को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि इस नए टर्मिनल भवन के विकास के बाद यदि मांग हुई तो केंद्र सरकार एक नया कार्गो टर्मिनल स्थापित करेगी। भारतीय विमानन क्षेत्र के बारे में सिंधिया ने बताया कि 2030 तक 200 से अधिक हवाई अड्डे होंगे, जिनमें विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों के हवाई अड्डे शामिल होंगे।
कनेक्टिविटी का नया युग
कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार वृद्धिशील विकास के लिए नहीं बल्कि बड़े परिवर्तनों के लिए कार्य कर रही है। इसे अपनाते हुए, यह टर्मिनल भवन 17,029 वर्गमीटर पर विकसित किया जाएगा जो मौजूदा टर्मिनल भवन का 400 गुना अधिक है। विस्तार के बाद इस भवन का कुल क्षेत्रफल 21,094 वर्गमीटर होगा, जो 2100 यात्रियों को सेवा प्रदान करने में सक्षम होगा, यह मौजूदा क्षमता का 10 गुना अधिक है। सिंधिया ने आश्वासन दिया कि इस नए टर्मिनल भवन के विकास के बाद यदि मांग हुई तो केंद्र सरकार एक नया कार्गो टर्मिनल स्थापित करेगी।
राज्य में दो नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे
आंध्र प्रदेश में नागर विमानन के विकास पर उन्होंने कहा कि 2014 से पहले आंध्र प्रदेश में केवल 4 हवाई अड्डे थे, अब 6 हवाई अड्डे हैं। वर्ष 2014 में एयर ट्रैफिक मूवमेंट 388 से बढ़कर 1162 हो गया है। सिंधिया ने यह भी बताया कि राज्य में दो नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, भोगापुरम और नेल्लोर में बनाए जा रहे हैं और प्रकाशम जल बैराज जल्द ही जनता के लिए तैयार हो जाएगा।
सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने का सपना होगा पूरा
भारतीय विमानन क्षेत्र के बारे में सिंधिया ने कहा कि 2030 तक 200 से अधिक हवाई अड्डे होंगे, जिनमें विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों के हवाई अड्डे शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, हम 40 करोड़ से अधिक यात्रियों को हवाई सेवा मुहैया करा सकेंगे, इस प्रकार सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने का हमारा सपना पूरा होगा। ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि मुझे यकीन है कि कनेक्टिविटी का यह नया युग स्थानीय पर्यटन, निवेश और कृषि व्यापार में अवसर खोलेगा।
https://x.com/JM_Scindia/status/1733783016835784909?s=20
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि नए टर्मिनल का लक्ष्य स्थानीय कला, संस्कृति और स्थायी डिजाइन को सामंजस्यपूर्ण और पर्यावरण के प्रति जागरूक तरीके से संयोजित करते हुए 5-स्टारएकीकृत पर्यावास मूल्यांकन के लिए ग्रीन रेटिंग (GRIHA) प्राप्त करना है। टर्मिनल की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं, जैसे कि टर्मिनल थर्मल इन्सुलेशन और ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करता है, एलईडी लाइटिंग (LED) एक जीवंत और पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्रदान करती है, इसके अतिरिक्त अन्य विशेषताओं के साथ-साथ इसे ऊर्जा कुशल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है क्योंकि इसमें प्राकृतिक प्रकाश के प्रवाह के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।
हवाई अड्डे पर होंगी किस तरह की यात्री सुविधाएं ?
दरअसल हवाई अड्डे की नव उन्नत टर्मिनल इमारत बड़े पैमाने पर राज्य और राजमुंदरी के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी क्योंकि इसमें समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि समाहित होगी, साथ ही एक नया टर्मिनल भवन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। आइये बताते है कि
हवाई अड्डे पर किस तरह की यात्री सुविधाएं होंगी, इनमें 28 चेक-इन-काउंटर, आगमन में चार कन्वेयर बेल्ट (मौजूदा टर्मिनल को आगमन में परिवर्तित करना), आठ एक्स-बीआईएस मशीनें, तीन एयरोब्रिज, खाद्य और पेय पदार्थ और रिटेल आउटलेट की पर्याप्त संख्या, सुगम्य भारत अभियान के मानदंडों के अनुसार दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं और लगभग 600 कारों के लिए पार्किंग क्षेत्र इत्यादि शमिल हैं।
30 लाख यात्रियों को सेवा देने में मदद
बता दें कि राजमुंदरी, वर्तमान में तीन शहरों यानी हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु से जुड़ा हुआ है, और यहां से प्रति सप्ताह 126 उड़ानों की आवाजाही होती है। नया टर्मिनल भवन हवाई अड्डे की आवश्यकताओं को पूरा करेगा क्योंकि मौजूदा बुनियादी ढांचा यात्री यातायात में तेजी से वृद्धि को पूरा करने में सक्षम नहीं है।17,029 वर्गमीटर के अतिरिक्त क्षेत्र में टर्मिनल भवन का विस्तार होगा। विस्तार के बाद टर्मिनल भवन का कुल क्षेत्र 21,094 वर्गमीटर हो जाएगा,इस पर 350 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस विस्तार से पीक आवर्स के दौरान 2100 यात्रियों और सालाना 30 लाख यात्रियों को सेवा देने में मदद मिलेगी।