उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि भारत की स्टार्ट-अप और नवोन्मेषी संस्कृति ने देश को ज्ञान और कौशल का केंद्र बना दिया है। ऐसे में इस बात पर चर्चा जरूरी हो जाती है कि स्टार्टअप और स्टार्टअप कल्चर क्या है और भारत के विकास में इसकी क्या भूमिका है |
उल्लेखनीय है कि एक स्टार्टअप कंपनी एक नवगठित व्यवसाय होती है जो बौद्धिक संपदा या नई तकनीक द्वारा संचालित और बिल्कुल नए उत्पादों, सेवाओं या तंत्र के निर्माण पर काम कर रही होती है। स्टार्टअप किसे माना जाये यह कोई निश्चित नहीं है , फिर भी यह शब्द अक्सर हाई-टेक कंपनियों पर लागू होता है | सीधे शब्दों में स्टार्टअप कंपनी वह है जो कुछ नया पेश करने या मौजूदा कार्य को नए तरीके से करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ लेती है|
दूसरी ओर स्टार्टअप संस्कृति का अर्थ उन मूल्यों और व्यवहारों से है जो स्टार्टअप को स्थापित करने और संचालन करने की परिस्थिति उत्पन्न करने में सहायता करते हैं | इसका उद्देश्य नवाचार और रचनात्मकता पर केंद्रित होता है | यह अन्य कंपनी संस्कृतियों की तुलना में थोड़ा भिन्न होती हैं | इसमें अनुशासन और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है | यह शब्द सबसे पहले एरिक रीज़ ने अपनी पुस्तक “द लीन स्टार्टअप” में गढ़ा था | स्टार्टअप्स की पहली पीढ़ी 1980 के दशक में सिलिकॉन वैली में थी। इस पीढ़ी में अक्सर युवा उद्यमियों और इंजीनियरों वाली छोटी कंपनियाँ थी ।। ये कंपनियां ज्यादातर सॉफ्टवेयर विकास, हार्डवेयर, या 3डी प्रिंटिंग या रोबोटिक्स जैसे विशिष्ट उत्पादों पर केंद्रित थी ।
भारतीय अर्थव्यवस्था की बात करें तो भारत वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप्स के लिये तीसरे सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभरा है। भारत ने 2023 में 100,000 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत किए हैं | भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से वृद्धि देखी गई है |
वहीं स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।इसलिए भारत में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न उपाय किए हैं। नए व्यवसायों को बैंक वित्तपोषण के साथ मदद करना, युवा भारतीयों के बीच व्यावसायिक भावना को सक्रिय करना, स्टार्टअप के उत्थान के लिए रूपरेखा तैयार करना और देश को सर्वोत्तम गंतव्य बनाना है।
संयुक्त राष्ट्र ने 5 जनवरी 2024 को ‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2024’ नाम से अपना वार्षिक रिपोर्ट जारी किया। डब्ल्यूईएसपी में कहा गया कि 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.2% रहेगी। वहीं भारत के इस आर्थिक विकास में स्टार्ट-अप की बहुत अहम भूमिका है | स्टार्ट-अप पहलों को बढ़ावा देने से जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा | यदि हम अधिक स्टार्टअप पहलों को बढ़ावा देना और समर्थन करना जारी रखते हैं, तो घरेलू स्तर पर राजस्व बढ़ाना संभव हो जाएगा । स्टार्टअप नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते हैं | स्टार्टअप स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है | स्टार्टअप नवोन्मेषी समाधान और प्रौद्योगिकियाँ भी बनाते हैं जो लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। स्टार्टअप उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले सकारत्मक माहौल का कारक बनते हैं | जिससे अर्थव्यवस्था को बहुत बल मिलता है |