केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि लद्दाख में जल्द ही दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई रिजर्व होगा। मंत्री ने बताया कि इस रिजर्व की स्थापना भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान बेंगलुरु की मदद से की जा रही है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक हिस्सा है। उन्होंने लद्दाख के उपराज्यपाल बी.डी. मिश्रा को परियोजना में उनके महत्वपूर्ण सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
पीएम मोदी करेंगे नाइट स्काई रिजर्व का उद्घाटन
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हानले में इस नाइट स्काई रिजर्व का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। डाॅ. जितेन्द्र सिंह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की स्थापना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर यहां आयोजित प्रदर्शनी 'लद्दाख का गौरव’ उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित किया।
प्रदर्शनी का आयोजन मुख्य कार्यकारी पार्षद (सीईसी) ताशी ग्यालसन की पहल पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह द्वारा किया गया। डार्क स्काई रिजर्व चांगथांग वन्यजीव अभ्यारण्य के एक हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख के हानले गांव में स्थित होगा। यह भारत में खगोल एवं पर्यटन को बढ़ावा देगा और ऑप्टिकल,इन्फ्रारेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक होगा।
1,073 वर्ग किलोमीटर में फैला है नाइट स्काई रिजर्व
1,073 वर्ग किलोमीटर में फैला,नाइट स्काई रिजर्व चांगथांग वन्यजीव अभ्यारण्य के भीतर स्थित है। और 4500 मीटर की ऊंचाई पर हानले में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के भारतीय खगोल भौतिकी वेधशाला, दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे ऑप्टिकल टेलीस्कोप के निकट स्थित है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा ऐसे समय में जब देश चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 सौर मिशन की सफलता का जश्न मना रहा है, यह डार्क स्काई रिजर्व दुनिया में अपनी तरह के केवल 15 या 16 में से एक होने के कारण लोगों को खूब आकर्षित करेगा।
डार्क स्पेस रिजर्व की स्थापना के लिए त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन सम्पन्न
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डार्क स्पेस रिजर्व लॉन्च करने के लिए केंद्रशासित प्रशासन लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। उन्होंने कहा डार्क स्काई रिजर्व पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप के माध्यम से स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।