कोयला मंत्रालय का वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विशेष रूप से कैप्टिव/वाणिज्यिक कोयला खदानों से 186.63 मिलियन टन (एमटी) कोयले का उत्पादन का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान उत्पादन को 225.69 मिलियन टन तक बढ़ाया जाएगा और मंत्रालय की मौजूदा योजनाओं के अनुसार, ऐसी खदानों से उत्पादन लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2029-30 तक 383.56 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा। यह सूचना सोमवार को कोयला मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों (31 दिसंबर, 2023) के अनुसार, 50 कैप्टिव/वाणिज्यिक कोयला खदानें उत्पादन कर रही हैं और जिनमें से 32 खदानें बिजली क्षेत्र को, 11 खदानें गैर-विनियमित क्षेत्र को और सात खदानें कोयला बिक्री के लिए आवंटित की गई हैं। 2020 में वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी शुरू होने के साढ़े तीन साल के भीतर, 14.87 मिलियन टन (एमटी) की संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) वाली छह खदानों ने पहले ही उत्पादन शुरू कर दिया है।
दिसंबर 2023 में, कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 14.04 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 10.14 मिलियन टन से 38 प्रतिशत अधिक है। 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों से कोयला उत्पादन और प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 1 अप्रैल 2023 से 31 दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 98 मिलियन टन रहा।