प्रतिक्रिया | Thursday, October 03, 2024

09/01/24 | 3:01 pm

हम पूरब के बोली भोजपुरी बानी

 जिसे भोजवंशी परमार राजाओं ने बसाया था।भाषाई परिवार के स्तर पर यह आर्य परिवार की एक भाषा है। यह मुख्यतः पश्चिम बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम झारखंड ,मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के उत्तर पूर्वी भाग तथा नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाती है। नेपाल, फिजी ,मॉरीशस  में भी भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता भी है।

 ब्रिटिश शासन के दौरान उत्तर भारत से मजदूर सूरीनाम, गुयाना, टोबैगो, फिजी , आदि देशों में अंग्रेजों द्वारा ले जाये गए।इस कारण  इन मजदूरों  के वंशज यही के नागरिक हो गए और इन देशों में भोजपुरी की जड़े मजबूत हो गयी।जनगणना 2011 के अनुसार भारत मे भोजपुरी बोलने वालों की संख्या 5 करोड़ है। भोजपुरी का इतिहास 1000 से अधिक सालों का  है। जबकि संत कबीर दास का जन्मदिवस भोजपुरी दिवस के रूप में स्वीकार किया जाता है । साथ ही विश्व भोजपुरी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ  ग्रियर्सन ने भारतीय भाषाओं को  अंतरंग तथा बहिरंग की दो श्रेणियों में विभक्त किया है।इसमें बहिरंग के अंतर्गत पूर्वी शाखा के तहत भोजपुरी को रखा है। इसके अलावा इस शाखा में उड़िया ,असमी ,बंगला , मैथली भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भोजपुरी भाषा को भी क्षेत्रों के आधार पर विभाजित किया जाता है।हर क्षेत्र की अपनी विशेषता है । सबसे पहले आदर्श भोजपुरी आती है।यह बिहार के आरा जिला ,उत्तर प्रदेश के बलिया गाजीपुर में बोली जाती हैं। इसमें उत्तरी जिलों में ''ट'' जबकि दक्षिणी जिलों में ' ड़'  का प्रयोग होता है। उत्तरी आदर्श भोजपुरी में ' बाटे' जबकि दक्षिणी आदर्श भोजपुरी में ' बाड़े 'का प्रयोग होता हैं।
क्षेत्रीय आधार पर भोजपुरी का दूसरा विभाजन है, पश्चिमी भोजपुरी। यह आजमगढ़ ,बनारस गाजीपुर तथा मिर्जापुर में बोली जाती हैं। आदर्श भोजपुरी तथा पश्चिमी भोजपुरी में बहुत अधिक अंतर है। पश्चिमी भोजपुरी में आदरसूचक शब्द है  ' तुंह'।जबकि आदर्श भोजपुरी में रउरा ।

 बात भोजपुरी के साहित्य की करें  तो यह बहुत ही सुंदर सरस तथा मधुर भाषा है। भोजपुरी भाषा में निबद्ध साहित्य के प्रचुर प्रमाण नहीं है। हालांकि इस दिशा में प्रयास हो रहे है। विश्व भोजपुरी सम्मेलन भोजपुरी भाषा सहित्य और संस्कृति के विकास में जुटा हैं। भोजपुरी साहित्य में भिखारी ठाकुर का अनमोल योगदान है।उन्हें भोजपुरी का शेक्सपियर कहा जाता है। उनके कई ऐतिहासिक कृत्य है जैसे – विदेसिया, बेटिबेचवा, कलजुगप्रेम ,विधवा विलाप आदि। भोजपुरी में महेन्द्र मिसिर का भी अहम योगदान है।एक भोजपुरी कवि के रूप में उन्हें पूरबी सम्राट कहा जाता है। बहुत से भाषाओं की तरह  विद्वान इस भाषा का उद्गगम भी  संस्कृत से मानते हैं। । 

दीपक दुबे

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आखरी अपडेट: 4th Oct 2024