विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को प्लास्टिक मुक्त नदी अभियान यानी “प्लास्टिक मुक्त भविष्य की ओर” का आरंभ किया जा रहा है। यह अभियान 7 राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बहने वाली गंगा और उसकी सहायक 15 नदियों के किनारों पर स्थित 63 स्थानों पर 16 से 20 मई तक चलाया जायेगा।
भारतीय वन्यजीव संस्थान, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, वित्तपोषित गंगा, जैव विविधता संरक्षण एवं जलज परियोजना एवं सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अभियान का उद्देश्य स्थानीय निवासियों को प्लास्टिक प्रदूषण के नदियों और उसकी जैवविविधता पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के साथ ही मानव स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी तन्त्र पर पड़ने वाले प्रभावों के संबंध में आगाह करना है।
बता दें कि यह अभियान क्षेत्र में गंगा प्रहरियों जो कि स्थानीय समुदाय में से चुने गये और प्रशिक्षित किये गये लोगों का समूह है, के साथ ही एनएमसीजी एवं जलज परियोजना के सदस्यों के द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जायेगा। अभियान के तहत अपने क्षेत्र में नदी किनारे सफाई अभियान चलाने के बाद प्रत्येक साइट से एक किलो प्लास्टिक कचरा देहरादून में सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउन्डेशन के प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन एंड लर्निंग सेंटर में भेजा जायेगा। जहां से इसको छांटकर इसके बायोफ्यूल और टाइल्स जैसे सामान बनाने के लिये विभिन्न संस्थानों में भेजा जायेगा।