केंद्र सरकार ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देशभर में 10.05 करोड़ ग्रामीण महिला परिवारों को 90.90 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHG) में संगठित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है।
सरकार ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक SHG द्वारा 10.20 लाख करोड़ रुपये का बैंक लोन लिया गया है, जिसका उपयोग महिलाओं ने छोटे व्यवसाय शुरू करने और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में किया गया। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में बताया कि 28 फरवरी, 2025 तक SHG और उनके संघों को सरकार ने 51,368.39 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड शामिल हैं।
यह मिशन देशभर में तेजी से लागू किया जा रहा है। वर्तमान में यह 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के 745 जिलों और 7,144 ब्लॉकों में चल रहा है। केवल दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर यह योजना पूरे देश में लागू है।
वहीं महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में भी सरकार मदद कर रही है। इसके लिए “सरस मेला” जैसे आयोजन किए जाते हैं, जहां SHG की महिलाएं अपने उत्पाद बेचती हैं। इसके अलावा, SHG के उत्पादों को “सरस कलेक्शन” के नाम से सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर बेचा जा रहा है। सरकार ने फ्लिपकार्ट समर्थ, अमेजन सहेली और मीशो जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ समझौता किया है, ताकि SHG के उत्पाद ऑनलाइन भी बिक सकें। इसके लिए मंत्रालय ने अपना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिससे महिलाओं को डिजिटल माध्यम से अपने उत्पाद बेचने में मदद मिल रही है।