प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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24/07/24 | 3:03 pm

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दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर लौटे वतन, सरकार ने दी आर्थिक सहायता

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विभागीय आला अधिकारियों के गंभीर प्रयास से दक्षिण अफ्रिका के कैमरून में फंसे गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिलों के 27 प्रवासी श्रमिकों की सकुशल वतन वापसी हुई। मुंबई मेल से आज (बुधवार) को पारसनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचे सभी मजदूरों का राज्य सरकार की मंत्री बेबी देवी, विधायक सुदीप्य कुमार श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार, गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लकडा, डीपीआरओ अंजना भारती और श्रमायुक्त सहित संबंधित विभागी अधिकरियों ने स्वागत किया। साथ ही सभी श्रमिकों को तत्काल 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई।

हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री सत्यानद भोक्ता, बैधनाथ राम, बेबी देवी, विधायक कल्पना सोरेन और सुदीप्य कुमार ने सभी मजदूरों को सहायता राशि के चेक दिए। सकुशल प्रदेश लौटने पर सभी श्रमिकों ने सीएम हेमंत सोरेन का शुक्रिया अदा किया और राज्य सरकार का आभार जताया। इन श्रमिकों ने बताया कि कैमरून में सभी 27 मजदूर घुटन का जीवन व्यतीत कर रहे थे। न तो पेटभर भोजन मिलता था और ना ही तयशुदा मजदूरी मिलती थी। विवश होकर हम लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये अपनी व्यथा वतन भेजी थी। हम लोगों के लिए खुशी की बात है कि राज्य सरकार ने हमारी वेदना पर तत्काल संज्ञान लेकर हम सभी की वतन वापसी करवाई।

सीएम हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखण्ड के अपने 27 लोगों की परेशानियों के बारे में जानकारी मिली थी, जिसके पश्चात झारखण्ड सरकार द्वारा पहल कर उन्हें लगभग कुल 30 लाख की बकाया राशि का भुगतान कराया गया और राज्य वापस लाया गया।

अब श्रमिकों ने कहा कि भविष्य में विदेश जाना होगा तो स्थानीय प्रशासन को सूचित करके ही जायेंगे। वतन वापस लौटे श्रमिकों में चास-बोकारो के 18, हजारीबाग जिले के 05 और गिरिडीह जिल के 04 श्रमिक शामिल हैं। इस बाबत विभागीय सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि कैमरून में 27 श्रमिकों के फंसे होने का मामला संज्ञान में आने के साथ ही विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किये गये।

विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा गया। जिन दोनों कंपनियों में श्रमिक काम कर रहे थे उनके प्रबंधकों पर दबाव बनाया गया। उन्हें कहा गया कि जो श्रमिक स्वेच्छा से वतन लौटना चाहते हैं उन्हें रोके नहीं। उन्होंने कहा कि गिरिडीह से घर तक श्रमिकों को पहुंचाने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। मॉनीटरिंग गिरिडीह के उपायुक्त द्वारा की गई। विभागीय सचिव ने कहा कि अबतक पूरे राज्य में 10 लाख से अधिक मजदूरों का ऑनलाईन निबंधन किया गया है। यह प्रक्रिया अभी जारी है।

दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर लौटे वतन, सरकार ने दी आर्थिक सहायता

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विभागीय आला अधिकारियों के गंभीर प्रयास से दक्षिण अफ्रिका के कैमरून में फंसे गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिलों के 27 प्रवासी श्रमिकों की सकुशल वतन वापसी हुई। मुंबई मेल से आज (बुधवार) को पारसनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचे सभी मजदूरों का राज्य सरकार की मंत्री बेबी देवी, विधायक सुदीप्य कुमार श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार, गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लकडा, डीपीआरओ अंजना भारती और श्रमायुक्त सहित संबंधित विभागी अधिकरियों ने स्वागत किया। साथ ही सभी श्रमिकों को तत्काल 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई।

हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री सत्यानद भोक्ता, बैधनाथ राम, बेबी देवी, विधायक कल्पना सोरेन और सुदीप्य कुमार ने सभी मजदूरों को सहायता राशि के चेक दिए। सकुशल प्रदेश लौटने पर सभी श्रमिकों ने सीएम हेमंत सोरेन का शुक्रिया अदा किया और राज्य सरकार का आभार जताया। इन श्रमिकों ने बताया कि कैमरून में सभी 27 मजदूर घुटन का जीवन व्यतीत कर रहे थे। न तो पेटभर भोजन मिलता था और ना ही तयशुदा मजदूरी मिलती थी। विवश होकर हम लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये अपनी व्यथा वतन भेजी थी। हम लोगों के लिए खुशी की बात है कि राज्य सरकार ने हमारी वेदना पर तत्काल संज्ञान लेकर हम सभी की वतन वापसी करवाई।

सीएम हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखण्ड के अपने 27 लोगों की परेशानियों के बारे में जानकारी मिली थी, जिसके पश्चात झारखण्ड सरकार द्वारा पहल कर उन्हें लगभग कुल 30 लाख की बकाया राशि का भुगतान कराया गया और राज्य वापस लाया गया।

अब श्रमिकों ने कहा कि भविष्य में विदेश जाना होगा तो स्थानीय प्रशासन को सूचित करके ही जायेंगे। वतन वापस लौटे श्रमिकों में चास-बोकारो के 18, हजारीबाग जिले के 05 और गिरिडीह जिल के 04 श्रमिक शामिल हैं। इस बाबत विभागीय सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि कैमरून में 27 श्रमिकों के फंसे होने का मामला संज्ञान में आने के साथ ही विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किये गये।

विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा गया। जिन दोनों कंपनियों में श्रमिक काम कर रहे थे उनके प्रबंधकों पर दबाव बनाया गया। उन्हें कहा गया कि जो श्रमिक स्वेच्छा से वतन लौटना चाहते हैं उन्हें रोके नहीं। उन्होंने कहा कि गिरिडीह से घर तक श्रमिकों को पहुंचाने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। मॉनीटरिंग गिरिडीह के उपायुक्त द्वारा की गई। विभागीय सचिव ने कहा कि अबतक पूरे राज्य में 10 लाख से अधिक मजदूरों का ऑनलाईन निबंधन किया गया है। यह प्रक्रिया अभी जारी है।

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024