पंचायती राज मंत्रालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया (आईआईएम बीजी) के सहयोग से सोमवार (2 सितंबर) से एक परिवर्तनकारी पांच दिवसीय आवासीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम को पंचायती राज संस्थाओं (PRI) के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए बनाया गया है, जिसमें जिला पंचायतों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, पंचायत समितियों के प्रमुख, सरपंच और विभिन्न पंचायत अधिकारी सम्मिलित हैं। 8 राज्यों- बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी बोधगया स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
दरअसल जनवरी 2024 में शुरू की गई नेतृत्व और प्रबंधन विकास कार्यक्रम की पहल पंचायती राज मंत्रालय का एक रणनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के नेतृत्व एवं प्रबंधन कौशल को बढ़ाना है। बता दें, कार्यक्रम को प्रतिभागियों के साथ-साथ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और प्रबंधन संस्थानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
पंचायती राज मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि पंचायती राज मंत्रालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया के सहयोग से 2-6 सितंबर तक एक परिवर्तनकारी पांच दिवसीय आवासीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) का आयोजन कर रहा है। यह पहल स्थानीय शासन को मजबूत करने और ग्रामीण आबादी को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु पंचायती राज मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर जोर देती है।
इस पांच दिवसीय विस्तृत कार्यक्रम में नेतृत्व, प्रबंधन और नैतिकता, ग्रामीण नवाचार, स्वयं के स्रोत राजस्व (OSR ) एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आदि के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा। प्रतिभागी विशेषज्ञ-नेतृत्व वाले सत्रों, केस स्टडीज़ और इंटरैक्टिव डिस्कशन से लाभान्वित होंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से वे अपने समुदायों का अधिक प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस हो सकेंगे।
मंत्रालय ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को नवीनतम प्रबंधन सिद्धांतों, उपकरणों और कौशल से भी अवगत कराता है। इस विज़न का उद्देश्य ग्रामीण शासन में कॉर्पोरेट स्तर की दक्षता लाना है, जिससे संसाधनों का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित हो सके। इन उन्नत कार्य-प्रणालियों को अपनाकर, पंचायतें ग्रामीण भारत में समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
यह उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से भारत में स्थानीय शासन की प्रभावशीलता और दक्षता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा, जिससे ग्रामीण विकास में तेजी आएगी और ग्रामीण नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।