देश में आज 77वां थल सेना दिवस गर्व और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पुणे के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप ग्राउंड में भव्य परेड का आयोजन किया गया है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इस अवसर पर उपस्थित रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज शाम गौरवगाथा कार्यक्रम में भाग लेंगे। पहली बार पुणे में सेना पुलिस कोर और महाराष्ट्र एनसीसी की महिला टुकड़ी के साथ थल सेना परेड का आयोजन किया जा रहा है। परेड में भारतीय सेना द्वारा प्रयुक्त हथियार और उपकरणों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा- हर भारतीय भारतीय सेना का आभारी
सेना दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना दिवस 2025 पर हमारे वीर भारतीय सेना कर्मियों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। भारतीय सेना अपने साहस, बहादुरी, बलिदान और व्यावसायिकता के लिए जानी जाती है। राष्ट्र की रक्षा करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों की मदद करने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है। राष्ट्र के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए हर भारतीय भारतीय सेना का आभारी है।
जांबाज रणबांकुरों की शहादत पर गर्व करने का एक विशेष मौका
देश के दुश्मनों से सीना तान के आर या पार के लिए हर पल तैयार रहने वाली भारतीय सेना ने वीरता की कई गाथाएं लिखी हैं। देश के जवानों के शौर्य और पराक्रम के बारे में सोचते ही हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। सेना दिवस देश के उन्हीं जांबाज रणबांकुरों की शहादत पर गर्व करने का एक विशेष मौका है। सेना दिवस उन सैनिकों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है। थल सेना भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। आज भारतीय सेना अपना 77वां ‘आर्मी डे‘ मना रही है। 15 जनवरी, 1949 के दिन ही जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री ने सेना दिवस की बधाई दी।
भारतीय सेना से जुड़े रोचक तथ्य
देश की आजादी से करीब 2 साल बाद 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना की कमान भारतीय फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर ने सौंपी। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य कमांडर बने। यह भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सेना द्वारा अदम्य साहस, वीरता, उनके शौर्य और शहादत को याद करने के लिए सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आर्मी डे को सेलिब्रेट करने का एक मकसद उन सभी शहीदों को सलाम करना भी है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सलाम करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं।
भारतीय सेना का आदर्श वाक्य – “स्वयं से पहले सेवा”
आजाद भारत में थल सेना ने लड़े युद्ध
>कश्मीर युद्ध 1947
>ऑपरेशन पोलो
>ऑपरेशन विजय
>भारत – चीन युद्ध 1962
>भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध 1965
>भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध 1971
>भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध 1999