प्रतिक्रिया | Friday, November 22, 2024

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अफस्पा अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के अशांत जिलों में छह महीने के लिए बढ़ा

सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम यानि अफस्पा को अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और नामसाई जिले के कुछ क्षेत्रों में 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा इसे नागालैंड के 8 पूरे जिलों और 5 जिलों के कुछ क्षेत्रों में 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। गृह मंत्रालय ने कल इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।

अशांत क्षेत्रों में अभी अफस्पा

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम सुरक्षा बलों की सुविधा के लिए ऐसे क्षेत्र में लगाया जाता है, जिसे “अशांत” माना गया हो। अधिसूचना के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखाम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 के तहत 1 अक्टूबर से छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है, जब तक कि इसे पहले वापस नहीं ले लिया जाता।

एक अन्य अधिसूचना में नागालैंड में दीमापुर, निउलैंड, चुमाउकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिले तथा नागालैंड के कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्जा और केज़ोचा; मोकोकचुंग जिले में मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-१, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी; लोंगलेंग जिले में यांगलोक; वोखा जिले में भंडारी, चंपांग और रलान; जुन्हेबोटो जिले के घटाशी, पुघोबोटो, साटाखा, सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनाटो पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है।

क्या है अफस्पा?

अफस्पा अशांत क्षेत्रों में सक्रिय सशस्त्र बलों के कर्मियों को ‘‘लोक व्यवस्था कायम’’ रखने के लिए आवश्यकता होने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है। पूर्वोत्तर राज्यों में ज्यादातर क्षेत्रों में अफस्पा हटा दिया गया है।

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आखरी अपडेट: 22nd Nov 2024