प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी बने भारतीय वायुसेना के नए उप प्रमुख

एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने आज शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ (उप प्रमुख) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। कारगिल युद्ध (1999) के दौरान उन्होंने ‘लाइटनिंग’ लेजर डेजिग्नेशन पॉड को ऑपरेशनल करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उन्होंने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) की उड़ान परीक्षणों में वर्ष 2006 से 2009 और फिर 2018-19 के दौरान सक्रिय योगदान दिया। उस समय वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) थे और LCA को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस दिलाने में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा। वर्ष 2013 से 2016 तक वे फ्रांस के पेरिस में भारत के एयर अताशे के रूप में नियुक्त रहे। इसके बाद उन्होंने वायुसेना मुख्यालय (वायु भवन) में डिप्टी चीफ ऑफ द एयर स्टाफ का दायित्व भी संभाला।

उप प्रमुख बनने से पहले वे दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे। एयर मार्शल तिवारी के पास 3,600 घंटे से ज्यादा का उड़ान अनुभव है और वे एक कुशल फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं। उन्होंने अमेरिका के एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से भी शिक्षा प्राप्त की है। वायुसेना के टेस्ट पायलट स्कूल और वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में उन्होंने डाइरेक्टिंग स्टाफ के रूप में भी सेवा दी है। उनके पास अनेक हथियार प्रणालियों के परीक्षण और संचालन का भी लंबा अनुभव है।

एयर मार्शल तिवारी ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC) से पूरी की और फिर खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षण लिया। वह जून 1985 में NDA के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक विजेता रहे और 7 जून 1986 को एक फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें कई महत्वपूर्ण सैन्य सम्मान प्राप्त हुए हैं-वर्ष 2025 में परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM), वर्ष 2022 में अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) और वर्ष 2008 में वायु सेना मेडल (VM) से नवाजा गया।

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025