समुद्र में भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकतों में इजाफा कर रही है। इसी बीच कोलकाता स्थित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने सोमवार को भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई आठ पनडुब्बी रोधी जलपोतों की श्रृंखला का अंतिम पोत ‘अजय’ सफलतापूर्वक जलावतरण किया। यह कार्यक्रम जीआरएसई के कोलकाता यार्ड में आयोजित हुआ।
भारतीय नौसेना के लिए विशेष रूप से डिजाइन और निर्मित
इस जलपोत का जलावतरण नौसेना के चीफ ऑफ मटेरियल वाइस एडमिरल किरण देशमुख की पत्नी प्रिया देशमुख के हाथों हुआ, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। जीआरएसई के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि ‘अजय’ समेत सभी आठ पनडुब्बी रोधी युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए विशेष रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं।
क्या है खासियत ?
इन जहाजों की लंबाई 77.6 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है। इनका डिजाइन इस प्रकार किया गया है कि ये कम गहराई वाले जलक्षेत्रों में भी प्रभावी संचालन कर सकें। इनकी प्रमुख विशेषताओं में सतही लक्ष्यों के विरुद्ध कार्रवाई, खदान बिछाने की क्षमता और तटीय क्षेत्रों में गश्त शामिल है। ये युद्धपोत हल्के टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। साथ ही ये विमान के साथ समन्वित पनडुब्बी रोधी अभियान चलाने में भी सक्षम हैं।
भारतीय नौसेना की तटीय रक्षा क्षमताओं को करेगी और अधिक सुदृढ़
अधिकारी ने बताया कि यह पोत तटीय जलक्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी निगरानी के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा की दृष्टि से कम तीव्रता वाले अभियानों के लिए भी उपयुक्त है। इस लॉन्चिंग के साथ ही जीआरएसई द्वारा निर्मित आठ पनडुब्बी रोधी जलपोतों की यह श्रृंखला पूरी हो गई है, जो भारतीय नौसेना की तटीय रक्षा क्षमताओं को और अधिक सुदृढ़ करेगी।