प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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भारत-यूएई के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि 31 अगस्त से लागू, निवेशकों को निवेश संरक्षण की मिलेगी निरंतरता 

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) 31 अगस्त से लागू हो गई है। इसके लागू होने से दोनों देशों के निवेशकों को निवेश संरक्षण की निरंतरता मिलेगी। 

इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि भारत और यूएई के बीच में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय निवेश संधि लागू हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि बीआईटी पर इस वर्ष 13 फरवरी को यूएई के अबू धाबी में हस्ताक्षर किए गए थे, जो 31 अगस्त, 2024 से प्रभावी हो गई है। यूएई के साथ इस समझौते के लागू होने से दोनों देशों के निवेशकों को निरंतर निवेश संरक्षण मिलेगा।

इस संधि से द्विपक्षीय निवेश में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद 

मंत्रालय के मुताबिक भारत और यूएई के बीच दिसंबर, 2013 में हस्ताक्षरित पहला द्विपक्षीय निवेश संरक्षण तथा संवर्धन समझौता (बीआईपीपीए) इस वर्ष 12 सितंबर को समाप्त हो गया था। मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूएई के बीच बीआईटी से निवेशकों के बीच सहजता का स्तर बढ़ने तथा विश्वास में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस संधि से द्विपक्षीय निवेश में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा। 

दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता मई 2021 को हुआ था लागू 

उल्लेखनीय है कि भारत में आने वाले कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 3 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ यूएई 7वें स्थान पर है। इसमें अप्रैल 2000 से जून 2024 तक करीब 19 अरब अमेरिकी डॉलर का संचयी निवेश शामिल है। भारत ने भी अप्रैल 2000 से अगस्त 2024 तक यूएई में अपने कुल एफडीआई का पांच फीसदी यानी 15.26 अरब डॉलर का निवेश किया है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक मई 2021 को लागू हुआ था। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024