प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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कर कटौती से वेतनभोगी लोगों में विवेकाधीन उपभोग को मिलेगा बढ़ावा : रिपोर्ट

केंद्रीय बजट में राजकोषीय समेकन (एकत्रीकरण) की दिशा में प्रगति जारी है और कर कटौती से वेतनभोगी वर्ग में विवेकाधीन उपभोग को बढ़ावा मिलेगा, यह बात मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में कही गई।

कर कटौती से उपभोग को बढ़ावा देने का सरकार का प्रयास

राजकोषीय समेकन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए सरकार ने कर कटौती के माध्यम से उपभोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2025 में अपेक्षित 4.8 प्रतिशत से घटाकर 4.4 प्रतिशत करना है।

बीएनपी पारिबा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “आयकर पर बजट की धारणाएं हमें उचित लगती हैं, जिसे हम आक्रामक मानते हैं।”

सरकार ने नई कर व्यवस्था में शामिल लोगों के लिए कर स्लैब में ढील दी

सरकार ने आय सीमा बढ़ा दी है और नई कर व्यवस्था (एनटीआर) में शामिल लोगों के लिए कर स्लैब में ढील दी है। लगभग 75 प्रतिशत व्यक्ति पहले ही एनटीआर में आ चुके हैं और सरकार को उम्मीद है कि शेष करदाताओं में से अधिकांश अब इसमें आ जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप कर छूट का दौर समाप्त हो सकता है।

उपभोग पुनर्जीवित करने पर किया ध्यान केंद्रित 

बजट में आय सीमा बढ़ाकर और कर स्लैब में ढील देकर उपभोग को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इससे भारत में करदाताओं की डिस्पोजेबल आय में 2-7 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो आय स्तर पर निर्भर करेगा।

ये सभी हमारे ‘समृद्ध भारत’ के चयन का हिस्सा

रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है “हमें उम्मीद है कि इससे टिकाऊ वस्तुओं, ऑटो, परिसंपत्ति प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा और आभूषण जैसे क्षेत्रों में विवेकाधीन खपत को बढ़ावा मिलेगा- ये सभी हमारे ‘समृद्ध भारत’ के चयन का हिस्सा हैं।”

करदाताओं के पास 2,000-10,000 रुपये अतिरिक्त डिस्पोजेबल आय होगी

उच्च डिस्पोजेबल आय से खुदरा परिसंपत्ति गुणवत्ता, विशेष रूप से असुरक्षित को भी मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, करदाताओं के पास 2,000-10,000 रुपये प्रति माह की अतिरिक्त डिस्पोजेबल आय होगी, “जिसका उपयोग हम मानते हैं कि छोटी-छोटी विवेकाधीन खरीद के लिए किया जा सकता है।”

भारतीय करदाताओं में से अधिकांश वेतनभोगी 

भारतीय करदाताओं में से अधिकांश वेतनभोगी व्यक्ति हैं। भारत में जिन लोगों ने 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय की सूचना दी थी, उनमें से 9.7 मिलियन वित्त वर्ष 23 में वेतनभोगी व्यक्ति थे। इस प्रकार, लाभ मुख्य रूप से इन व्यक्तियों को मिलेगा।

वित्त वर्ष 2026 के लिए सरकार ने जीडीपी वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत, राजस्व प्राप्तियों में 10.8 प्रतिशत की वृद्धि और व्यय में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्सिडी को साल दर साल स्थिर रहने का अनुमान है और राजस्व व्यय में सबसे बड़ी वृद्धि ब्याज व्यय पर होगी। (इनपुट-आईएएनएस)

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025