प्रतिक्रिया | Thursday, January 30, 2025

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30/05/24 | 4:10 pm

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कैंची धाम आकर मुझे धार्मिकता, उदात्तता और आध्यात्मिकता के संगम का अनुभव हुआ है : उपराष्ट्रपति

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पत्नि डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ गुरुवार को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम पहुंचे। उपराष्ट्रपति ने यहां पत्नि संग नीब करौरी महाराज के दर्शन किए और आश्रमवासियों के साथ समय व्यतीत किया। हल्द्वानी आगमन पर उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह एवं कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।

नीम करोली बाबा महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना की

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कैंची धाम में नीम करोली बाबा महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। दर्शन के उपरांत उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस पवित्र जगह पर आकर मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस जगह आकर उन्हें धार्मिकता, उदात्तता और आध्यात्मिकता के संगम का आभास हुआ है। ये वो जगह है जहां ऐसे महापुरुष हुए हैं जिनके द्वारा निर्धारित उच्चतम सिद्धांत सभी के लिए अनुकरणीय हैं।

भारत की 5000 वर्ष की सांस्कृतिक विरासत दुनिया में बेमिसाल

उपराष्ट्रपति ने भारत की उत्कृष्ट सांस्कृतिक विरासत की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत की 5000 वर्ष की सांस्कृतिक विरासत दुनिया में बेमिसाल है और वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारतीय संस्कृति एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भारत की संस्कृति दुनिया में बेमिसाल है। G 20 में हमारा सिद्धांत, ‘एक परिवार, एक भविष्य और एक पृथ्वी’ दुनिया के समक्ष गया।

बाबा नीब करौरी की मूर्ति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे के करीब कैंची धाम पहुंचे। स्थानीय युवतियों ने उपराष्ट्रपति व उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ का तिलक चंदन लगाकर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मंदिर समिति और प्रशासन की ओर से उपराष्ट्रपति को बाबा नीब करौरी की मूर्ति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई। जिलाधिकारी वंदना सिंह व एसएसपी पीएन मीणा ने भी यहां उपराष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत किया।

जगदीप धनखड़ ने मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बात की

उपराष्ट्रपति ने इस दौरान बाबा नीब करौरी की सजीव सी लगने वाली आदमकद मूर्ति के सामने शीष झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। उनका लाया हुआ कंबल बाबा को ओढ़ाया और फूल व अन्य प्रसाद चढ़ाया गया। उपराष्ट्रपति ने मंदिर में स्थित हनुमान जी एवं अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन किये ओरं पूजा अर्चना की। साथ ही बाबा नीब करौरी के तपस्या स्थल पर भी नमन किया। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बात की।

दर्शन व पूजा-अर्चना के बाद उपराष्ट्रपति का काफिला हल्द्वानी के लिए रवाना हो गया। इससे पहले गुरुवार सुबह नौ बजे से ही आम भक्तों के लिए कैंची धाम में प्रवेश रोक दिया गया था।

 

कैंची धाम आकर मुझे धार्मिकता, उदात्तता और आध्यात्मिकता के संगम का अनुभव हुआ है : उपराष्ट्रपति

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पत्नि डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ गुरुवार को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम पहुंचे। उपराष्ट्रपति ने यहां पत्नि संग नीब करौरी महाराज के दर्शन किए और आश्रमवासियों के साथ समय व्यतीत किया। हल्द्वानी आगमन पर उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह एवं कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।

नीम करोली बाबा महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना की

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कैंची धाम में नीम करोली बाबा महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। दर्शन के उपरांत उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस पवित्र जगह पर आकर मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस जगह आकर उन्हें धार्मिकता, उदात्तता और आध्यात्मिकता के संगम का आभास हुआ है। ये वो जगह है जहां ऐसे महापुरुष हुए हैं जिनके द्वारा निर्धारित उच्चतम सिद्धांत सभी के लिए अनुकरणीय हैं।

भारत की 5000 वर्ष की सांस्कृतिक विरासत दुनिया में बेमिसाल

उपराष्ट्रपति ने भारत की उत्कृष्ट सांस्कृतिक विरासत की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत की 5000 वर्ष की सांस्कृतिक विरासत दुनिया में बेमिसाल है और वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारतीय संस्कृति एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भारत की संस्कृति दुनिया में बेमिसाल है। G 20 में हमारा सिद्धांत, ‘एक परिवार, एक भविष्य और एक पृथ्वी’ दुनिया के समक्ष गया।

बाबा नीब करौरी की मूर्ति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे के करीब कैंची धाम पहुंचे। स्थानीय युवतियों ने उपराष्ट्रपति व उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ का तिलक चंदन लगाकर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मंदिर समिति और प्रशासन की ओर से उपराष्ट्रपति को बाबा नीब करौरी की मूर्ति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई। जिलाधिकारी वंदना सिंह व एसएसपी पीएन मीणा ने भी यहां उपराष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत किया।

जगदीप धनखड़ ने मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बात की

उपराष्ट्रपति ने इस दौरान बाबा नीब करौरी की सजीव सी लगने वाली आदमकद मूर्ति के सामने शीष झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। उनका लाया हुआ कंबल बाबा को ओढ़ाया और फूल व अन्य प्रसाद चढ़ाया गया। उपराष्ट्रपति ने मंदिर में स्थित हनुमान जी एवं अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन किये ओरं पूजा अर्चना की। साथ ही बाबा नीब करौरी के तपस्या स्थल पर भी नमन किया। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बात की।

दर्शन व पूजा-अर्चना के बाद उपराष्ट्रपति का काफिला हल्द्वानी के लिए रवाना हो गया। इससे पहले गुरुवार सुबह नौ बजे से ही आम भक्तों के लिए कैंची धाम में प्रवेश रोक दिया गया था।

 

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आखरी अपडेट: 30th Jan 2025