केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैठक कर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसी क्रम में देश के सुदूर इलाकों तक किसी तरह की जानकारी या सूचना पहुंचाने के लिए 34 नए शहरों या कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी दी है। इस कदम से मातृभाषा में स्थानीय सामग्री को बढ़ावा मिलने और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना है।
730 चैनल खुलेंगे
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निजी एफएम रेडियो चरण III नीति के तहत 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ आरोही ई-नीलामी के तीसरे बैच के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने एफएम चैनल के वार्षिक लाइसेंस शुल्क (एएलएफ) को माल और सेवा कर (जीएसटी) को छोड़कर सकल राजस्व का 4% वसूलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। यह 234 नए शहरों/कस्बों के लिए लागू होगा।
मातृभाषा में या स्थानीय भाषा में आएंगे कई कार्यक्रम
234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत से इन शहरों या कस्बों में एफएम रेडियो की अधूरी मांग पूरी होगी, जो अभी भी निजी एफएम रेडियो प्रसारण से अछूते हैं और मातृभाषा में नई/स्थानीय सामग्री लाएंगे। इससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, स्थानीय बोली और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को बढ़ावा मिलेगा।
खास बात यह है कि स्वीकृत शहरों या कस्बों में से कई आकांक्षी जिलों और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हैं। इन क्षेत्रों में निजी एफएम रेडियो की स्थापना से इन क्षेत्रों में सरकार की पहुंच और मजबूत होगी।