प्रतिक्रिया | Thursday, January 16, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

कैग रिपोर्ट : नई शराब नीति से दिल्ली सरकार के खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विवादित आबकारी नीति बनाते समय नियम-कायदों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह खुलासा शनिवार को सार्वजनिक हुई कैग (सीएजी) की रिपोर्ट में हुआ। 

रिपोर्ट आने से  हुआ बड़े घोटालों का खुलासा 

यह रिपोर्ट दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आई है। इसमें बड़े घोटालों का खुलासा हुआ है, जैसे – कीमत तय करने में पारदर्शिता की कमी, लाइसेंस जारी और नवीनीकरण में नियमों का उल्लंघन, गड़बड़ियां करने वालों को दंडित न करना, और उपराज्यपाल, कैबिनेट या विधानसभा से मंजूरी न लेना। लाइसेंस देने से पहले कंपनियों की वित्तीय स्थिति को जांचा नहीं गया।  यहां तक कि घाटे में चल रही कंपनी को भी लाइसेंस दे दिया गया।  

लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 941 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने जो रिटेल शराब लाइसेंस छोड़े गए थे, उनके लिए फिर से टेंडर नहीं निकाला, जिससे खजाने को लगभग 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, जोनल लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 941 करोड़ रुपये का और नुकसान हुआ। इसके अलावा, कोविड प्रतिबंधों के आधार पर जोनल लाइसेंसधारकों को 144 करोड़ रुपये की लाइसेंस शुल्क छूट दी गई, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को राजस्व की हानि हुई। जबकि अनुबंध में ऐसा प्रावधान नहीं था। वहीं, सुरक्षा जमा राशि को सही तरीके से नहीं वसूला गया जिससे 27 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ। 

अयोग्य कंपनियों को लाइसेंस के लिए बोली लगाने की दी अनुमति 

कैग ने यह भी कहा कि मंत्रियों के समूह, जिसकी अगुवाई मनीष सिसोदिया कर रहे थे, ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज किया और अयोग्य कंपनियों को लाइसेंस के लिए बोली लगाने की अनुमति दी। विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान नहीं दिया गया, जबकि नीति बनाने में यह जरूरी था। 

नीति को सही तरीके से नहीं किया गया लागू

आम आदमी पार्टी (आप) ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है, लेकिन इसमें कहा गया है कि नीति लागू करने में कई खामियां थीं। कुछ रिटेलर पूरे नीति अवधि तक लाइसेंस रखते रहे, जबकि कुछ ने पहले ही अपने लाइसेंस वापस कर दिए। कुल मिलाकर नीति को सही तरीके से लागू नहीं किया गया, जिससे इसके उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका।  

अनियमितताओं के कारण केजरीवाल, सिसोदिया पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले किए गए दर्ज 

इन अनियमितताओं के कारण केजरीवाल, सिसोदिया और अन्य अधिकारियों पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए हैं। यह मुद्दा चुनावी माहौल में राजनीतिक गर्मी बढ़ाने वाला है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। मौजूदा विधानसभा में आप के 62 और भाजपा के 8 विधायक हैं।(इनपुट-आईएएनएस)

आगंतुकों: 14922643
आखरी अपडेट: 16th Jan 2025