प्रतिक्रिया | Tuesday, September 17, 2024

पारसियों की आबादी को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार चला रही है जियो पारसी योजना

भारत का अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय देश में पारसियों की आबादी को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सरकार पारसी समुदाय के चिकित्सा और स्वास्थ्य (एचओसी) घटकों के तहत कई पारसी जोड़ों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जियो पारसी योजना चलाई जा रही है। जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और संरचित उपायों को अपनाकर पारसी आबादी की घटती प्रवृत्ति को उलटना, उनकी आबादी को स्थिर करना और भारत में पारसियों की आबादी को बढ़ाना है। इस योजना में प्रचार-प्रसार के लिए सेमिनार, कार्यशालाएं, शिविर, प्रिंट और सोशल मीडिया जैसे आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार (24, जुलाई) को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। किरेन रिजिजू ने बताया कि जियो पारसी योजना साल 2013-14 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और संरचित उपायों को अपनाकर पारसी आबादी की घटती प्रवृत्ति को उलटना, उनकी आबादी को स्थिर करना और भारत में पारसियों की आबादी को बढ़ाना है।

बता दें इस योजना के तीन घटक हैं। चिकित्सा सहायता- मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल के तहत चिकित्सा उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, परामर्श- प्रजनन संबंधी समस्याओं वाले जोड़ों की काउंसलिंग तथा कार्यशालाओं सहित प्रचार-प्रसार और समुदाय का स्वास्थ्य- बच्चों की देखभाल। तीसरा महत्वपूर्ण घटक- आश्रित बुजुर्गों की सहायता के लिए पारसी जोड़ों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

गौरतलब हो, मंत्रालय समुदाय के चिकित्सा और स्वास्थ्य (एचओसी) घटकों के तहत कई पारसी जोड़ों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है और यह योजना अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में काफी सफल रही है। इस योजना में प्रचार-प्रसार के लिए सेमिनार, कार्यशालाएं, शिविर, प्रिंट और सोशल मीडिया जैसे आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जियो पारसी योजना में मंत्रालय एवं राज्य सरकारों द्वारा नियमित निगरानी और योजना के लाभों व परिणामों का आकलन करने के लिए समवर्ती मूल्यांकन का प्रावधान है।

दरअसल जियो पारसी, पारसी समुदाय की जनसंख्या में गिरावट को रोकने के लिए एक अनूठी केंद्रीय क्षेत्र योजना है। इस योजना के तहत सहायता संबंधित राज्य सरकारों द्वारा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और अन्य सत्यापन के बाद प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से लाभार्थियों को जारी की जा रही है। इस योजना के दिशानिर्देश मंत्रालय की वेबसाइट (www.minorityaffairs.gov.in) पर उपलब्ध हैं।

 

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आखरी अपडेट: 17th Sep 2024