नोएडा की आईटी कंपनी कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) को भारत सरकार के लिए एक बेहद सुरक्षित एप्लीकेशन विकसित करने के लिए ‘गोव-ड्राइव’ (Gov Drive) परियोजना का काम मिला है। इस परियोजना के पूरा होने पर करीब 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को क्लाउड आधारित तकनीकी के माध्यम से फाइलों के आदान-प्रदान करने में आसानी होगी। गोपनीय फाइलों को हाथों-हाथ भेजने के बजाए अब गोव-ड्राइव एप्लीकेशन के माध्यम से तुरंत ही भेजा जा सकेगा। इस प्रक्रिया में सूचना के आदान-प्रदान में तेजी तो आएगी ही साथ ही समय की भी बचत होगी।
गोव-ड्राइव परियोजना केंद्र सरकार की एक बेहद ही महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके माध्यम से केंद्र एवं केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित अलग-अलग मंत्रालयों, विभागों, वैधानिक निकायों, न्यायपालिका, आयोगों, संवैधानिक पदाधिकारियों, एजेंसियों और शीर्ष सलाहकार निकायों के पचास लाख से भी अधिक सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारिओं को एक से दूसरे ऑफिस में निर्बाध रुप से अपने काम को संचालित करने और उसे सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। सीआईपीएल द्वारा विकसित की जाने वाली गोव-ड्राइव एप्लीकेशन, क्लाउड तकनीकी पर आधारित होगी जिसके माध्यम से फाइलों की मूवमेंट तो तेज होगी ही साथ ही इसकी गोपनीयता को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
इस परियोजना पर काम करने वाली कंपनी, कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CIPL) के एमडी और सीईओ श्री विनोद कुमार ने गोव-ड्राइव (Gov Drive) प्रोजेक्ट मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “हमें इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए चुने जाने पर गर्व है।” “ये अनुबंध हमारे क्लाइंट की जरुरतों को पूरा करने एवं आईटी के क्षेत्र में अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने के हमारे समर्पण को दर्शाता है। हम इस परियोजना को सफल बानाने एवं सरकार के साथ हर संभव सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।”
एक वन स्टॉप टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन है सीआईपीएल
कॉरपोरेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड-एक वन स्टॉप टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन है जिसकी शुरुआत 2007 में हुई थी। अपनी सेवाओं में निरंतर सुधार और काम करने वाले कर्मियों के लिए ‘बेस्ट प्लेस टू वर्क’ CMMI5 सर्टिफिकेशन हासिल कर चुकी है। 2500 से भी अधिक आईटी कर्मियों की क्षमता वाले इस कंपनी ने तेजी से अपना विस्तार करते हुए पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के संचालन से आईटी के क्षेत्र में अपना एक मुकाम हासिल किया है। कंपनी का टर्नओवर शुरुआती 5 करोड़ से बढ़कर वर्तमान में 450 करोड़ हो गया है। कंपनी ने अपने शुरुआत से अब तक सरकार के 2000 से भी अधिक प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है।