रक्षा मंत्रालय ने सेना की परिचालन तत्परता बढ़ाने के लिए 155 मिमी/52 कैलिबर एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम और हाई मोबिलिटी व्हीकल 6×6 गन टोइंग व्हीकल्स के लिए 6,900 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्रालय ने भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
26 मार्च, 2025 को नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में इन अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए। इस हस्ताक्षर के साथ, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक रक्षा मंत्रालय द्वारा पूंजीगत खरीद के लिए 1.40 लाख करोड़ रुपये के कुल अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। अनुबंध हस्ताक्षर के दौरान, डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पुणे के एटीएजीएस के परियोजना निदेशक, जिन्होंने परियोजना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, को उनके अपार योगदान के लिए रक्षा सचिव द्वारा सम्मानित किया गया।
155 मिमी/52 कैलिबर एटीएजीएस पुरानी और छोटी कैलिबर वाली तोपों की जगह लेगी और सेना की तोपखाना क्षमताओं को बढ़ाएगी। इस तोप प्रणाली की खरीद आर्टिलरी रेजिमेंटों के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण कदम है, जिससे परिचालन तत्परता में वृद्धि होगी। अपनी असाधारण मारक क्षमता के लिए प्रसिद्ध एटीएजीएस, सटीक और लंबी दूरी के हमलों को सक्षम करके सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सेना द्वारा निजी क्षेत्र से टोड गन की पहली बड़ी खरीद होने के कारण, यह परियोजना विशेष रूप से भारतीय तोप निर्माण उद्योग और समग्र रूप से स्वदेशी रक्षा विनिर्माण इको-सिस्टम को बढ़ावा देगी। यह परियोजना मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देकर आत्मनिर्भर भारत के गर्वित ध्वजवाहक में से एक है।